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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने पांचवीं क्लास तक की पढ़ाई के लिए निर्देशों का माध्यम मातृभाषा या स्थानीय भाषा में होने पर 'जोर' दिया है. इस पर विवाद और भ्रम के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने 2 अगस्त को कहा है कि केंद्र सरकार किसी भी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपेगी.
'बहुभाषीयता और भाषा की ताकत' नाम के सेक्शन 5 में NEP कहती है कि 'जहां भी मुमकिन हो पाए, कम से कम क्लास 5 और हो सके तो क्लास 8 और उसके आगे तक पढ़ाने का माध्यम घर की भाषा/मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा हो.'
साइंस जैसे विषयों के लिए भी 'उच्च-स्तर की' टेक्स्टबुक मातृभाषा या स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएंगी. जहां स्थानीय भाषा में टेक्स्टबुक मैटेरियल मौजूद नहीं है, वहां टीचरों और बच्चों के बीच पढ़ाई का माध्यम जहां तक मुमकिन हो स्थानीय भाषा में ही रहेगा.
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