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काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने ICSE और ISC बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट कैलकुलेट करने का एक तरीका बताया है.
इस नए सिस्टम में बचे हुए पेपर में छात्रों को मार्क्स उनके तीन बेस्ट पेपर के नंबरों के औसत के आधार पर दिए जाएंगे. जिन सब्जेक्ट के पेपर नहीं हुए हैं, उनके इंटरनल असेसमेंट के नंबर भी जोड़े जाएंगे.
वेटेड एवरेज कैसे कैलकुलेट किया जाएगा?
आम तौर पर 100 के टोटल स्कोर में बोर्ड पेपर का 80% और इंटरनल असेसमेंट का 20% हिस्सा होता है.
हालांकि ICSE के इस खास मेथड में बचे हुए बोर्ड पेपर की परसेंटेज 'पेपर में अनुमानित परसेंटेज बोर्ड मार्क्स' से निकाली जाएगी.
‘पेपर में अनुमानित परसेंटेज बोर्ड मार्क्स’ कैसे कैलकुलेट किया जाएगा?
जिन छात्रों ने तीन या उससे कम पेपर दिए हों, उनका क्या होगा?
जिन छात्रों ने तीन पेपर दिए होंगे, उनके मामले में दो बेस्ट पेपर को लिया जाएगा. जिन छात्रों ने दो पेपर दिए होंगे, उनका सिर्फ एक ही बेस्ट पेपर लिया जाएगा. जिस छात्र ने एक ही पेपर दिया होगा, उसका वही पेपर आकलन में लिया जाएगा.
बचे हुए ISC पेपर किस तरह ग्रेड किए जाएंगे?
ISC में भी तीन बेस्ट सब्जेक्ट के एवरेज को इंटरनल असेसमेंट के साथ जोड़कर बचे हुए एग्जाम की मार्किंग की जाएगी.
भूगोल, नागरिक शास्त्र, मनोविज्ञान, बायोलॉजी और होम साइंस में 70 में से बोर्ड मार्क्स दिए जाते हैं और इसलिए बोर्ड मार्क्स के लिए वेटेज 0.7 होगा. बिजनेस स्टडीज के लिए 70 में से बोर्ड मार्क्स दिए जाते हैं और इसलिए वेटेज 0.8 होगा.
अगर मान लें कि एक छात्र के बेस्ट तीन का औसत 70 में से 65 है और बचे हुए सब्जेक्ट में इंटरनल असेसमेंट में 30 में से 28 नंबर मिले हैं, तो बचे हुए पेपर में उसका स्कोर ऐसे कैलकुलेट किया जाएगा:
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