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दुनियाभर से निवेश जुटाने के बाद अब जियो प्लेटफॉर्म ने 2 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जियो मीट लॉन्च कर दिया है. खास बात ये है कि इसमें अनलिमिडेट फ्री कॉलिंग की सुविधा दी गई है. लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोग इसकी आलोचना इसलिए कर रहे हैं क्यों कि ये काफी कुछ जूम एप जैसा मिलता जुलता है.
जियो का ये ऐलान ऐसे वक्त में आया है जब देश में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का आव्हान किया है और साथ ही भारत की सरकार ने हाल में ही भारत की एकता और संप्रभुता को ध्यान में रखते हुए 59 चीनी एप को बैन किया है.
जियो मीट हाईडेफिनेशन मोड में अनलिमिटेड फ्री कॉल देता है जिसमें एक बार में 100 लोग जुड़ सकते हैं. इसके अलावा जियो मीट पर किसी तरह के टाइम का बंधन भी नहीं है. जियो का कहना है कि ये पूरी तरह फ्री कॉल है जिसे लगातार 24 घंटे इस्तेमाल किया जा सकता है.
इसके लिए किसी भी तरह के कोड या इनवाइट भेजने की जरूरत नहीं है. जो इसके डेस्कटॉप वर्जन से जुड़ना चाहते हैं उनको इनवाइट लिंक पर क्लिक करना होगा और वो ब्राउजर के जरिए ही बिना एप डाउनलोड किए जुड़ सकते हैं.
इसके दूसरे फीचर्स में आप मीटिंग्स को श्येड्यूल कर सकते हैं, स्क्रीन शेयर कर सकते हैं और इसके अलावा भी कुछ ऑप्शन हैं.
मोबाइल के लिए अपने प्लेट स्टोर या एप स्टोर पर जाइए और Jio Meet सर्च करके एप्लीकेशन को डाउनलोड करके इन्सटॉल कर लीजिए.
डेस्कटॉप के लिए आप Jio Meet की वेबसाइट पर जाएं और वहां से एप्लीकेशन डाउनलोड कर सकते हैं.
जियो मीट के ऐलान के बाद ट्विटर कई लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि ये ठीक जूम एप की तरह ही दिखता है. जियो मीट के फीचर्स और लुक भी जूम एप की तरह ही हैं.
लोग दोनों एप में फर्क ढूंढने की बात कर रहे हैं.
अप्रैल के आखिर में भारत सरकार ने इनोवेशन चैलेंज का ऐलान किया था. जिसके मुताबिक जो भी डेवलेपर भारत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप बनाएगा जो जूम का विकल्प बन सके उसको ईनाम के तौर पर एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
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