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सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और ICSE से 12वीं कक्षा (12th Board Exams) के मूल्यांकन के लिए तैयार की गई स्कीम पर छात्रों और अभिभावकों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर कल तक जवाब देने को कहा है. कोरोना वायरस की वजह से दोनों बोर्ड्स ने परीक्षाओं को रद्द कर दिया है.
अभिभावकों के एक असोसिएशन और छात्रों ने 12वीं कक्षा के परिणामों के मूल्यांकन के लिए CBSE और ICSE की स्कीमों पर सवाल खड़े किए हैं. अभिभावकों और छात्रों का कहना है कि इसमें कई क्लॉज मनमाने हैं और भविष्य की संभावनाओं के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं.
जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश महेश्वरी की स्पेशल बेंच ने कहा कि वो 22 जून को CBSE और ICSE का जवाब सुनेंगे. बेंच ने इस मामले में सभी लंबित याचिकाओं को मंगलवार को लिस्ट करने का भी निर्देश दिया, जिसमें CBSE के 12वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने के फैसले को चुनौती दी है और दोनों बोर्ड्स की मूल्यांकन योजनाओं पर चिंता जताई है.
17 जून को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने के पहले के फैसले को उलटने का कोई सवाल ही नहीं है और CBSE और CISCE की मूल्यांकन योजनाओं को मंजूरी दी थी, जिसने मूल्यांकन के लिए 30:30:40 फॉर्मूले को अपनाया है. छात्रों का रिजल्ट 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के रिजल्ट पर आधारित होगा.
10वीं के रिजल्ट के आधार पर 30%, 11वीं के रिजल्ट के आधार पर 30% और 12वीं प्री बोर्ड या यूनिट टेस्ट के आधार पर 40% नंबर जुड़ेंगे.
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