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(आईएएनएस)। सूरत (Surat) की पोक्सो अदालत ने मंगलवार को आरोपी रामप्रसाद उर्फ ललनसिंह गौड़ को नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या का दोषी पाया और उसे मौत की सजा सुनाई।
अतिरिक्त जिला दीवानी एवं सत्र न्यायाधीश डी पी गोहिल ने आदेश सुनाते हुए कहा, अभियोजन पक्ष ने अदालत को आश्वस्त किया है कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर और गवाहों के बयानों से साफ होता है कि आरोपी ने अपराध किया है। यह अदालत आरोपी ललनसिंह को दुष्कर्म और हत्या के लिए दोषी पाती है।
सरकारी वकील नयन सुखाड़वाला ने कहा कि अदालत ने पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में तीन लाख रुपये का भुगतान करने का भी आदेश दिया है। अदालत ने 104 दिनों में मामले का फैसला किया।
सुखाड़वाला ने स्थानीय मीडिया को बताया, छह गवाहों से पूछताछ की गई, सीसीटीवी फुटेज और फोरेंसिक साक्ष्य को अदालत ने स्वीकार कर लिया, एफएसएल टीम ने फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर की मदद से आरोपी की पहचान की और एक चिकित्सा अधिकारी के बयान ने अदालत को समझाने में मदद की।
पांच साल की बच्ची सूरत के पुनागम इलाके में अपने माता-पिता के साथ सड़क किनारे एक अस्थायी झोपड़ी में रहती थी। 13 अप्रैल 2022 की रात जब पीड़िता के पिता 1.30 बजे उठे तो उन्होंने देखा कि उनकी बेटी गायब है। उन्होंने आसपास के इलाके में तलाशी ली, लेकिन वह नहीं मिली।
उन्होंने पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने भी उसकी तलाश शुरू कर दी। इसी बीच उन्हें सूचना मिली कि एक युवक को नाबालिग लड़की के साथ देखा गया है। पुलिस आरोपी का पता लगाने में सफल रही। पूछताछ के दौरान ललनसिंह टूट गया और उसने वह जगह दिखाई जहां उसने लड़की के साथ दुष्कर्म कर उसे दफना दिया था और उसके सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी थी।
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