एक हीरा कारखाने के मालिक और महिधरपुरा स्टेशन (सूरत) से जुड़े चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. दरअसल पुलिस हिरासत में टॉर्चर (Police Torture) किए जाने के बाद सूरत के कटारगाम में कथित तौर पर एक व्यक्ति की आत्महत्या के बाद मौत हो गई थी. मृतक के भाई ने शुक्रवार रात सूरत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी.
मृतक के भाई किशोर ने कहा कि जूनागढ़ के कतरगाम में रहने वाले मुकेश सोजित्रा ने कथित तौर पर शुक्रवार दोपहर को खुद की जान ले ली, जब उनके एंप्लॉयर विपुल मोरडिया और कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा उनके कार्यस्थल पर चोरी के एक मामले में उन्हें प्रताड़ित किया गया था.
परिजनों को सूचना मिलते ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन वहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. पुलिस ने कथित तौर पर हीरा कारखाने के मालिक के खिलाफ तब तक मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया जब तक कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के संयोजक अल्पेश कठेरिया ने हस्तक्षेप नहीं किया.
मृतक के भाई किशोर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले हीरा कंपनी के मालिकों ने पॉलिश किए गए हीरो के स्टॉक में कमी पाई थी. मुकेश को ही इन हीरो को पॉलिश करने और काटने के लिए दिया गया था.
शिकायत के अनुसार, "मोराडिया ने आरोप लगाया कि चोरी के पीछे मुकेश सोजित्रा का हाथ है, हालांकि बाद में उसने इससे इनकार कर दिया था. बाद में मोराडिया ने पुलिस से संपर्क किया. 23 और 24 मई को, महिधरपुरा पुलिस मुकेश को रात 10 बजे उसके घर से ले गई और उसे 2.30 बजे वापस छोड़ दिया. 25 मई को, मुकेश को रात में महिधरपुरा पुलिस कांस्टेबल पर्वत वढेर और दो अन्य लोग घर से ले गए और उन्होंने बयान लेने के लिए थाने में उसे बुरी तरह पीटा और बाद में उसे घर छोड़ दिया… मोराडिया ने भी मुकेश को पुलिस के सामने पीटा. पुलिस ने मुकेश को धमकी दी और अगले दिन फर्म को 3.50 लाख रुपये देने के लिए कहा."
पुलिस हिरासत में जब मुकेश ने अपने भाई को फोन पर पुलिस के टॉर्चर की बात बताई तो उसी समय पुलिस कॉन्स्टेबल ने फोन लेकर मुकेश के भाई को कहा कि मुकेश को गुनाह कबूल करने को कहो. मुकेश के भाई ने सारी बातें रिकॉर्ड की और पुलिस से उसे न पीटने की गुजारिश की.
अल्पेश कठेरिया ने बताया कि, पुलिस इस घटना में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों को बचा रही है और मुकेश की मौत को आकस्मिक रूप से दर्ज करने की योजना बना रही थी… मुकेश के शरीर पर चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. इससे साफ पता चलता है कि पुलिस ने मुकेश की पिटाई की थी... हमारे पास मुकेश और उसके भाई की बातचीत के रिकॉर्डिंग भी है. हमने अधिकारियों को आत्महत्या के लिए उकसाने और स्वेच्छा से जबरन वसूली के लिए चोट पहुंचाने पर पुलिस के खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए कहा. अगर पुलिस को लगता है कि उन्होंने सही काम किया है, तो उन्हें चोरी का अपराध दर्ज करना चाहिए था. संदेह के घेरे में आए व्यक्ति को इतनी बुरी तरह कैसे पीटा जा सकता है?
सिंघनपुर पुलिस आरसी वसावा ने कहा, “हमने मामले में अपराध दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. हमने साथी कर्मचारियों के बयान लेने के लिए अपनी टीमों को Parin Diamonds भेजा है. हम फर्म से सीसीटीवी फुटेज भी लेंगे. हमने लापता मोराडिया को पकड़ने के लिए अपनी टीमें भेजी हैं. हमने पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मांगी है."
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