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उत्तर प्रदेश के हापुड़ (Hapur Blast) में शनिवार, 4 जून की दोपहर एक फैक्ट्री में हुआ एक धमाका मजदूरों की जिंदगी का काल बनकर आया. धमाका इतना जोरदार था कि एक झटके में 13 मजदूरों की जिंदगियां इसमें समा गईं और कम से कम 13 लोग घायल हो गए.
लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि इन लोगों की जान जाने का जिम्मेदार कौन है? क्या पूरे नियमों के साथ यह फैक्ट्री चल रही थी? क्या प्रशासनिक सतर्कता और निगरानी की कमी थी?
दरअसल रूही इंडस्ट्री नाम की ये फैक्ट्री हापुड़ के धौलाना इलाके में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (UPSIDC) साइट पर स्थित है. धमाके के वक्त फैक्ट्री में करीब 27 मजदूर काम कर रहे थे, इसीलिए हादसे में जान गंवाने वाले ज्यादातर मजदूर ही हैं.
हापुड़ पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि फैक्ट्री कथित तौर पर अवैध रूप से पटाखों का निर्माण कर रही थी, दरअसल लाइसेंस इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण का लिया गया था. लेकिन बन पटाखे रहे थे.
उन्होंने आगे इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया “कारखाने परिसर के अंदर कोई कैमिकल या बॉयलर नहीं था. विस्फोट के बाद मौके पर मिले प्लास्टिक के छर्रे और अन्य सामग्री से पता चलता है कि वे अंदर पटाखे बना रहे थे. हमारे अनुमान के मुताबिक फैक्ट्री के अंदर 27 मजदूर काम कर रहे थे.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना का संज्ञान लिया है. पीएमओ ने एक ट्वीट में लिखा कि “केमिकल फैक्ट्री में हुआ हादसा दिल दहला देने वाला है. जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं. राज्य सरकार घायलों के इलाज में सक्रिय रूप से शामिल है."
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