Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019United Against Hate के संस्थापक खालिद सैफी की अपील पर हाईकोर्ट का नोटिस

United Against Hate के संस्थापक खालिद सैफी की अपील पर हाईकोर्ट का नोटिस

पिछली सुनवाई में सैफी की वकील रेबेका जॉन ने दलील दी थी कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है.

IANS
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>United Against Hate के संस्थापक खालिद सैफी की अपील पर हाईकोर्ट का नोटिस</p></div>
i

United Against Hate के संस्थापक खालिद सैफी की अपील पर हाईकोर्ट का नोटिस

(फोटो- आईएएनएस)

advertisement

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HighCourt) ने मंगलवार को यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के संस्थापक खालिद सैफी द्वारा दायर अपील पर नोटिस जारी किया, जिन्हें 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे कथित बड़ी साजिश के संबंध में यूएपीए मामले में एक निचली अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।

इस मामले में नोटिस जारी करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने गर्मी की छुट्टियों के बाद 11 जुलाई के लिए सुनवाई निर्धारित की।

8 अप्रैल को, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा था, मेरा मानना है कि आरोपी खालिद सैफी के खिलाफ आरोप प्रथमदृष्टया सही हैं।

पिछली सुनवाई में सैफी की वकील रेबेका जॉन ने दलील दी थी कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है और अभियोजन का पूरा मामला 2020 के सांप्रदायिक दंगों से जुड़ा हुआ नहीं है और यह बिना किसी सबूत के है।

उन्होंने यह भी तर्क दिया था कि पूरक आरोपपत्र में दिए गए निराधार बयान के अलावा, यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं पाया गया है कि खालिद सैफी ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से मुलाकात की थी, जो दिसंबर 2019 में बड़े षड्यंत्र के मामले में एक अन्य आरोपी है। वकील ने यह भी कहा था कि ऐसा भी कोई सबूत नहीं है, जो यह साबित करे कि खालिद ने उन्हें खुरेजी में विरोध स्थल के संबंध में कोई निर्देश दिया था।

साजिश के मामले में आरोपियों में से एक सैफी पर आतंकवाद रोधी कानून - गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जेएनयू स्कॉलर और सामाजिक कार्यकर्ता उमर खालिद और शरजील इमाम सहित लगभग एक दर्जन लोग मामले में आरोपी हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार बड़े षड्यंत्र के मामले में यह सभी शामिल हैं।

शरजील और खालिद को भड़काऊ भाषणों के सिलसिले में भी आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस के अनुसार, इन प्रमुख आरोपियों ने कथित तौर पर ऐसे भड़काऊ भाषण दिए, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में दंगे हुए।

सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के समर्थकों और इसका विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़क उठे थे।

दंगे तब हुए थे जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहली भारत यात्रा हो रही थी। हिसा में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT