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हिमाचल कैबिनेट विस्तार: जातीय समीकरण साधने की चुनौती,3 मंत्री पद के लिए कौन नाम?

Himachal Pradesh Cabinet: रायपुर पहुंचने पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का स्वागत किया.

क्विंट हिंदी
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>CM सुक्खू सोनिया गांधी और राहुल गांधी का स्वागत करते हुए.</p></div>
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CM सुक्खू सोनिया गांधी और राहुल गांधी का स्वागत करते हुए.

(फोटो-क्विंट हिंदी)

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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सरकार बने करीब ढाई महीने हो चुके हैं, लेकिन कैबिनेट में तीन मंत्री पद अभी खाली हैं. सूत्रों के अनुसार, रायपुर में जारी कांग्रेस के तीन दिवसीय अधिवेशन में पार्टी हाईकमान खाली जगहों पर निर्णय ले सकता है.

अभी कैसी है हिमाचल कैबिनेट?

हिमाचल कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री ही शामिल किए जा सकते हैं. वर्तमान में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री के अलावा कैबिनेट में सात मंत्री हैं. इसमें कर्नल धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार, हर्षवर्धन, जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह का नाम शामिल हैं.

रायपुर में CM सुक्खू ने किया सोनिया-राहुल का स्वागत

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस अधिवेशन के पहले दिन 24 फरवरी को केंद्रीय नेताओं के साथ हिमाचल प्रदेश के नेता भी शामिल हुए. इस दौरान रायपुर पहुंचने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का स्वागत किया.

कांग्रेस के लिए रायपुर अधिवेशन खास?

जानकारी के मुताबिक, अधिवेशन में बोर्ड और निगमों में नियुक्ति को लेकर भी चर्चा होगी. रायपुर से शिमला लौटने के बाद सीएम सुक्खू कैबिनेट विस्तार और बोर्ड-निगमों में तैनाती कर सकते हैं. इस महाधिवेशन में 6 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा होगी.

हिमाचल कैबिनेट में तीन मंत्री पद खाली

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला के कैबिनेट विस्तार के दावे के बाद से मंत्री पदों को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि अभी तीन में से दो ही मंत्री के पद भरे जाएंगे जबकि तीसरा पद लोकसभा चुनाव के दौरान भरा जा सकता है.

किसका नाम रेस में आगे?

जानकारी के अनुसार, मंत्री पद की रेस में बिलासपुर के घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी और कांगड़ा के जयसिंहपुर से यादवेंद्र सिंह गोमा आगे हैं. राजेश धर्माणी पहले भी मंत्रीपद की रेस में थे लेकिन अंत में उनका नाम पीछे हट गया था.

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यादवेंद्र गोमा SC कोटे से आते हैं. उनका नाम इसलिए आगे हैं क्योंकि इससे पहले हुए कैबिनेट विस्तार के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने SC कोटे से कम से कम दो मंत्री बनाने को कहा था, लेकिन अभी तक इस कोटे से धनीराम शांडिल ही एक मंत्री हैं.

ये दो नाम भी रेस में आगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दो SC कोटे के मंत्रियों को ध्यान में न रखें तो सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा को जगह मिल सकती है. सुधीर शर्मा धर्मशाला से विधायक हैं जबकि राजेंद्र राणा सुजानपुर से MLA हैं. वहीं, ब्राह्मण कोटे से सुक्खू कैबिनेट में अभी केवल उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ही हैं. लेकिन अगर सुधीर को मंत्री बनाया जाता है तो सुक्खू कैबिनेट में दो ब्राह्मण मंत्री होंगे.

राजेंद्र राणा के मंत्री बनने पर सस्पेंस ?

पिछले कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद के लिए राजेंद्र राणा का नाम खूब चर्चा में था. लेकिन अंत में वे पिछड़ गए थे. इस बार भी राजेंद्र राणा का नाम आगे है, वे भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. लेकिन उनके और मंत्री पद के बीच मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आ जा रहे हैं.दरअसल, सुखविंदर सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री दोनों ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से आते हैं. ऐसे में राजेंद्र राणा की दावेदारी कमजोर पड़ रही है.

डिप्टी स्पीकर की भी होगी तैनाती

मत्रियों के तीन पदों के अलावा अभी विधानसभा उपाध्यक्ष की भी तैनाती होनी है. माना जा रहा है कि ये तैनाती 14 मार्च से पहले हो सकती है क्योंकि 14 मार्च से सुक्खू सरकार का पहला बजट सत्र शुरू होने वाला है. डिप्टी स्पीकर के लिए धर्मपुर से विधायक चंद्र शेखर और लाहौल स्पीति से विधायक रवि ठाकुर का नाम आगे चल रहा है.

सुक्खू सरकार में पांच CPS भी शामिल

सात मंत्रियों के आलावा सुक्खू सरकार ने पांच मुख्य संसदीय सचिव (CPS) बनाए हैं. इसमें कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, बैजनाथ से किशोरी लाल, पालमपुर से आशीष बुटेल, अर्की से संजय अवस्थी, दून से राम कुमार और रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा शामिल हैं. इनमें से सुंदर सिंह ठाकुर को छोड़कर बाकी सभी को विभागों के साथ अटैच किया गया है.

क्षेत्रीय समीकरण साधना भी चुनौती

बिलासपुर, मंडी और लाहौल स्पीति जिले को अभी तक कैबिनेट में कोई जगह नहीं दी गई है, लिहाजा क्षेत्रीय समीकरण के आधार पर देखा जाए तो राजेश धर्माणी का मंत्री बनना लगभग तय है. वहीं राजेंश धर्माणी को मंत्री बनाए जाने की दूसरी वजह ये भी है कि बिलासपुर की चार विधानसभा सीटों में से घुमारवीं सीट ही कांग्रेस के हिस्से में आ पाई है और यहां से राजेश धर्माणी विधायक है. लिहाजा बिलासपुर में कांग्रेस की आगे की मजबूती के लिए राजेंद्र धर्माणी की ताजपेशी लगभग तय मानी जा रही है.

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