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गृह मंत्रालय के अफसर NGO को पैसे लेकर दे रहे थे मान्यता, CBI के शिकंज में फंसे

CBI ने 36 लोगों को बनाया आरोपी, MHA से संबंधित कर्मचारी भी शामिल

IANS
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<div class="paragraphs"><p>गृह मंत्रालय के अफसर NGO को पैसे लेकर दे रहे थे मान्यता, CBI के शिकंज में फंसे</p></div>
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गृह मंत्रालय के अफसर NGO को पैसे लेकर दे रहे थे मान्यता, CBI के शिकंज में फंसे

(फोटो- आईएएनएस)

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(आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एनजीओ अवैध रिश्वत मामले के सिलसिले में एक ताजा घटनाक्रम में गृह मंत्रालय के एक अवर सचिव स्तर के अधिकारी से पूछताछ की है।

उनके घर पर छापेमारी के बाद उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। एक सूत्र ने बताया कि वह एफसीआरए यूनिट में तैनात हैं। उनका बयान शनिवार को सीबीआई मुख्यालय में दर्ज किया गया।

संघीय जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी कथित तौर पर रिश्वत के बदले पंजीकरण और नवीनीकरण में गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को अवैध मंजूरी दे रहे थे।

सीबीआई ने बुधवार को देश भर में 40 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर गृह मंत्रालय के छह अधिकारियों समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने छापेमारी के दौरान 3.21 करोड़ रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन आदि बरामद किए।

दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, असम और मणिपुर में छापेमारी की गई।

सीबीआई ने तलाशी लेने के बाद 36 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें एमएचए और एनआईसी के एफसीआरए डिवीजन के सात लोक सेवक और बिचौलिए, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं, इन आरोपों पर कि एफसीआरए डिवीजन के कुछ अधिकारियों ने प्रमोटरों, प्रतिनिधियों के साथ साजिश रची थी। विभिन्न गैर सरकारी संगठन और बिचौलिए पिछले दरवाजे से एफसीआरए पंजीकरण और गैर सरकारी संगठनों के नवीनीकरण के लिए भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त थे।

वे निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करने के बावजूद डोनेशन प्राप्त करना जारी रखने के उद्देश्य से अवैध रूप से ऐसा कर रहे थे। लोक सेवक स्वयं को एफसीआरए डिवीजन में तैनात अधिकारी के रूप में प्रतिरूपित कर रहे थे और उक्त प्रथाओं में लिप्त थे और एफसीआरए के तहत पंजीकरण और पंजीकरण के नवीनीकरण और अन्य संबंधित कार्यों के लिए उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए गैर सरकारी संगठनों से रिश्वत प्राप्त कर रहे थे।

जांच के दौरान दो आरोपियों को गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ लेखाकार की ओर से चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। यह आरोप लगाया गया था कि अवादी (तमिलनाडु) में एक हवाला ऑपरेटर और उक्त लोक सेवक के एक करीबी सहयोगी के माध्यम से रिश्वत की डिलीवरी की गई थी।

गिरफ्तार आरोपियों को सक्षम न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

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Published: 15 May 2022,01:29 PM IST

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