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राजस्थान हाईकोर्ट (Rajsthan HighCourt) ने केन्द्र और राज्य सरकार से पानी की कमी को देखते हुए वाहनों की धुलाई में ड्राई वॉश तकनीक (Waterless Technique) का उपयोग नहीं करने को लेकर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने सेवा फाउंडेशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
ये याचिका इसलिए अहम है क्योंकि अगर सिर्फ दिल्ली में ड्राई वॉश तकनीक का इस्तेमाल हो तो एक अनुमान के मुताबिक हर महीने करीब 152 करोड़ लीटर पानी बच सकता है.
जनहित याचिका में अदालत को बताया गया कि सर्विस स्टेशन सहित अन्य स्थानों पर वाहनों की धुलाई के लिए पानी का भारी मात्रा में उपयोग किया जाता है.
एक कार की धुलाई में कम से कम सवा सौ लीटर पानी का उपयोग किया जाता है. प्रदेश में हमेशा पेयजल संकट रहता है, ऐसे में सरकार को यह निर्देश दिया जाए कि वह वाहनों की धुलाई के लिए ड्राई वॉश तकनीक को सभी के लिए अनिवार्य करे.
इकोनॉमिक सर्वे 2018-19 के अनुसार दिल्ली में रोड पर चलने वाली कुल कारों की संख्या लगभग 32 लाख है. इस आंकड़े के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ही मौजूद कारों की एक बार धुलाई में लगभग 38 करोड़ लीटर के पानी की खपत होती है. अगर कार को हफ्ते में एक बार भी धोएं तो दिल्ली की कारों को धोने के लिए 152 करोड़ लीटर पानी की जरूरत होती है.
यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें पानी का उपयोग बिल्कुल भी नहीं होता है, इसलिए इसे वॉटरलेस तकनीक भी कहा जाता है. इसमें कार/वाहन की सतह पर पहले विशेष प्रकार का फॉम सॉल्यूशन स्प्रे किया जाता है. उसके बाद माइक्रो फाइबर कपड़े से साफ कर दिया जाता है. इसके जरिए की गई सफाई भी पानी से की गई धुलाई के लगभग समान ही होती है, जबकि इस तकनीक में पानी का उपयोग भी नहीं किया जाता.
इस तकनीक में बिल्कुल भी पानी की जरूरत नहीं होती बल्कि इस पद्धति में पानी और साबुन के बजाय केवल एक स्प्रे और माइक्रोफाइबर कपड़े या तौलिए का इस्तेमाल किया जाता है.
गौरतलब है कि जल संकट केवल राजस्थान का ही विषय नहीं है बल्कि यह संपूर्ण भारत के साथ-साथ वैश्विक स्तर की समस्या है. इस दृष्टि से इस तकनीक का इस्तेमाल करने से जल-संरक्षण में अहम योगदान मिल सकता है.
आम तौर पर कार की धुलाई करवाने के लिए सर्विस सेंटर पर जाना पड़ता है. लेकिन ड्राई वॉश तकनीक का इस्तेमाल कहीं भी किया जा सकता है. अपनी सुविधानुसार वाहन को किसी भी स्थान और किसी भी समय साफ करने का विकल्प होता है.
जब कार की धुलाई पानी से की जाती है तो काफी समय लगता है क्योंकि धुलाई करवाने के बाद सूखने की भी आवश्यकता होती है. लेकिन इस पद्धति (Dry Wash) में बहुत ही कम समय में कार चमचमाने लगती है, जिससे न तो पानी सुखाने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होती है और इस पद्धति में कम समय भी लगता है.
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