राजस्थान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच सचिन पायलट और 18 अन्य ‘बागी’ कांग्रेस विधायकों की याचिका पर सुनवाई कर रही है. विधायकों की इस याचिका में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से उन्हें जारी (सदन की सदस्यता से) अयोग्यता के नोटिसों को चुनौती दी गई है.
लाइव लॉ के मुताबिक, पायलट खेमे की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने 17 जुलाई को दलील दी कि व्हिप घरों या होटलों में बैठक पर लागू नहीं होता, ये केवल सदन के अंदर कार्यवाही पर लागू होता है. उन्होंने यह भी दलील दी कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो.
साल्वे ने विधायकों के बोलने की आजादी का मुद्दा उठाया. उन्होंने दलील दी कि अयोग्यता नोटिस 'अभिव्यक्ति की आजादी' और आंतरिक चर्चा को रोकने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि सीएम के "तानाशाहीपूर्वक कामकाज" के बारे में असहमति जताना एक आंतरिक मामला है.
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से शिकायत की थी कि सचिन पायलट सहित इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किए थे.
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