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शहरों में युवा बेरोजगारी दर (Youth unemployment rate) 20 प्रतिशत से ज्यादा होने के साथ, सरकार ने घोषणा की है कि वह अगले डेढ़ सालों में "मिशन मोड" में 10 लाख लोगों को नौकरी (10 Lakh Jobs) देगी. एक बयान में, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि, "प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने "सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन (HR) की स्थिति की समीक्षा की "पीएमओ ने कहा, 'उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सरकार अगले 1.5 साल में मिशन मोड (Mission Mode) में 10 लाख लोगों की भर्ती करे.'
अगले 18 महीनों में मिशन मोड में 10 लाख नौकरियों का वादा करने के लिए केंद्र सरकार को सालाना 4,500 करोड़ रुपये के बजट की जरूरत होगी. लगभग पूरी तरह से ये मौजूदा भर्तियां या वह पद हैं जो पिछले कुछ सालों में आम तौर पर धीमी और जटिल भर्ती प्रक्रिया, अदालत के हस्तक्षेप और हाल ही में कोविड -19 महामारी की वजह से अधूरे रह गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक एक सरकारी सूत्र ने कहा, "इनमें से 90 प्रतिशत या इससे अधिक रिक्तियां या रिक्तियां ग्रुप सी श्रेणी में हैं जिनमें क्लर्क, चपरासी और अर्ध-कुशल कर्मचारी शामिल हैं. एक नए ग्रुप सी कर्मचारी के लिए सरकार की लागत लगभग 40,000 रुपये प्रति माह है." सरकार के सूत्रों ने कहा कि,
आधिकारिक सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 1 मार्च, 2020 तक 77 मंत्रालयों/विभागों में 8.72 लाख पद खाली थे. इनमें से 90 प्रतिशत खाली पद सिर्फ पांच मंत्रालयों या विभागों - रक्षा (नागरिक), रेलवे, गृह मामलों, डाक और राजस्व विभाग के हैं.
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब शहरी इलाकों में युवाओं (15-29 वर्ष की आयु) के लिए बेरोजगारी दर पिछली कई तिमाहियों से 20 प्रतिशत से ज्यादा पर मंडरा रही है, और कोविड -19 से हुए आर्थिक संकट ने लाखों वर्कर्स को नुकसान पहुंचाया है.
जबकि पिछले कुछ सालों में रिक्तियों की संख्या बढ़ी है, इनकी भर्ती में तेजी नहीं आई है. मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने क्रमशः 1,85,734 और 27,764 पदों पर विज्ञापन दिया और 2017 -18 और 2021-22 के बीच पांच सालों में क्रमशः 1,74,744 और 24,836 उम्मीदवारों की भर्ती की है.
आंकड़ों से पता चलता है कि रेलवे में ग्रुप सी के ज्यादातर पद खाली थे.
(न्यूज इनपुट्स - इंडियन एक्सप्रेस)
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