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पश्चिम बंगाल में भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है, राज्य के 6 जिलों में करीब 15 लोगों की मौत हो गई है और तीन लाख लोग प्रभावित हुए हैं. दामोदर वैली कॉरपोरेशन डैम (Damodar Valley Corporation) से पानी छोड़े जाने के बाद हालात और बिगड़ गए हैं. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक DVC के एक अधिकरी ने बताया कि बंगाल में पिछले दिनों भारी बारिश हुई है. 31 जुलाई से मंगलवार शाम तक करीब साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी डैम से छोड़ा गया है, जिसकी वजह से हालात बिगड़े हैं.
प्रभावित जिलों में हुगली, पूर्व बर्दमान, पश्चिम बर्दमान, हावड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिले शामिल हैं.
एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि कुछ मौतें बिजली का करंट लगने, सांप के काटने, दीवार गिरने से हुई हैं और इस सिलसिले में जिला प्रशासन की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है.
Outlook की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कैबिनेट मंत्रियों को अपने-अपने जिले में उपस्थित रहने और बचाव कार्यों की निगरानी करने का भी निर्देश दिया है.
मंगलवार की सुबह पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को वास्तविक स्थिति की जानकारी देंगे और इससे निपटने के लिए उचित कदम उठाएंगे.
थल सेना और वायुसेना ने सोमवार को सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव अभियान चलाया
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, एक लाख से अधिक तिरपाल चादरें, एक हजार मीट्रिक टन चावल, पेय जल के हजारों पाउच और साफ कपड़े राज्य के उन जगहों पर भेजे गए हैं, जहां पर बाढ़ं से प्रभावित लोगों को रखा गया है.
अधिकारी ने बताया कि बाढ़ के दौरान हुए कुल नुकसान का अनुमान अभी नहीं लगाया जा सका है, उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारी पहली प्राथमिकता प्रभावित लोगों को बचाना है.
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हुगली जिले में रूपनारायण और द्वारकेश्वर नदियों का पानी तट के ऊपर आ चुका है, और रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है. अब तक एक लाख से अधिक लोगों को बाढ़ से बचाकर हुगली जिले के आश्रय गृहों में स्थानांतरित कर दिया गया है. हालांकि अभी भी ऐसे लोग हैं, जो अपने घरों की छतों पर फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि NDRF के जवान उन्हें बचाने के लिए काम कर रहे हैं.
जिले के प्रभावित लोगों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर और नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा आपातकालीन खाद्य पैकेट प्रभावित इलाकों में हेलिकॉप्टरों के माध्यम से गिराए जा रहे हैं.
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