Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019GST : जेटली ने कहा,12 से 18 फीसदी के बीच फिक्स हो सकता है कोई रेट 

GST : जेटली ने कहा,12 से 18 फीसदी के बीच फिक्स हो सकता है कोई रेट 

अरुण जेटली ने जीएसटी का माखौल उड़ाने वालों को आत्म-निरीक्षण करने को कहा.

क्‍व‍िंट हिंदी
भारत
Updated:
जेटली ने  रेवेन्यू की वसूली बढ़ने पर 12 और 18 फीसदी की जीएसटी दरों को मिला कर एक दर लागू किए जाने का संकेत दिया
i
जेटली ने रेवेन्यू की वसूली बढ़ने पर 12 और 18 फीसदी की जीएसटी दरों को मिला कर एक दर लागू किए जाने का संकेत दिया
(फोटो: PTI)

advertisement

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रेवेन्यू में बढ़ोतरी के साथ जीएसटी की दरों को और अधिक 'तर्कसंगत' बनाने के संकेत दिए हैं. जेटली ने सोमवार को कहा कि आने वाले समय में राजस्‍व वसूली बढ़ने पर मौजूदा 12 फीसदी और 18 फीसदी की दो मानक दरों को मिलाकर एक दर लागू की जा सकती है, जो इनके बीच की होगी.

जेटली ने सोशल मीडिया पर ‘जीएसटी के 18 महीने' शीर्षक से ब्लॉग लिखा है. उन्‍होंने जीएसटी लागू होने से पहले देश पर 31 फीसदी की ऊंची दर से इनडायरेक्‍ट टैक्‍स का भारी बोझ डालने के लिए कांग्रेस की आलोचना की. उन्‍होंने कहा कि इससे पहले देश में टैक्‍स चोरी का बोलबाला था.

अरुण जेटली ने जीएसटी का माखौल उड़ाने वालों को आत्मनिरीक्षण करने को कहा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत में सामान्य इस्तेमाल की वस्तुओं के लिए एक मानक दर होगी, जो वर्तमान 12 फीसदी और 18 फीसदी की दो मानक दरों के बीच की होगी. इसके साथ जरूरी वस्तुओं के लिए 0 फीसदी और 5 फीसदी की मौजूदा दरें बनी रहेंगी.

विलासिता के सामान और अहितकर चीजों को उच्चतम कर के दायरे में बनाए रखा जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि इस समय उपयोग की कुल 1,216 वस्तुओं में से 183 पर जीरो फीसदी, 308 पर पांच फीसदी, 178 प्रॉडक्ट पर 12 फीसदी और 517 पर 18 की दर से जीएसटी लगता है.

28 फीसदी की दर अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है. अभी इसमें लग्जरी और अहितकारी उत्पादों, वाहनों के कलपुर्जे, एसी और सीमेंट समेत केवल 28 वस्तुएं ही बची हैं. जीएसटी बदलाव के पूरा होने के साथ ही हम इसकी दरों को तर्कसंगत बनाने के पहले चरण को पाने के करीब हैं. उदाहरण के लिए विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को छोड़कर बाकी चीजें चरणबद्ध तरीके से 28 फीसदी के उच्चतम कर के दायरे से बाहर की जा रही हैं.
अरुण जेटली, वित्त मंत्री

उन्होंने कहा कि इस समय 12 फीसदी और 18 फीसदी की दो मानक दरें हैं, जिन्हें भविष्य में एक किया जा सकता है. यह एक ऐसी दर होगी, जो इन दोनों के बीच में कहीं होगी. निश्चित तौर पर इसमें उस समय तक इंतजार करना होगा, जब तक कि कर संग्रह ठीक-ठाक बढ़ न जाए.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

‘28 फीसदी का स्लैब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है’

वित्त मंत्री ने कहा कि अब 28 फीसदी के दायरे में व्यापक उपभोग की केवल दो चीजें सीमेंट और वाहन कलपुर्जे ही हैं. हमारी अगली प्राथमिकता सीमेंट को कम कर-दर के दायरे में ले जाने की होगी. जेटली ने कहा, ‘‘बिल्डिंग बनाने की दूसरी सभी चीजों को 28 फीसदी के दायरे से हटाकर 12 फीसदी या 18 फीसदी के दायरे में लाया जा चुका है. 28 फीसदी का स्लैब धीरे धीरे खत्म हो रहा है.''

उन्होंने जीएसटी की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की आलोचनाएं गलत जानकारी या खास मानसिकता से प्रेरित हैं. उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था से दरें कम हुई हैं, महंगाई घटी है और करचोरी भी कम हुई हैं.

‘GST से पहले 31 फीसदी तक लगता था टैक्स’

जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले ज्यादातर चीजों पर 31 फीसदी का टैक्‍स लगता था. लोगों के पास केवल दो ही विकल्प थे- या तो ज्यादा कर का भुगतान करें या फिर टैक्‍स चोरी.

जीएसटी के मामले में सरकार के आलोचकों पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘जिन लोगों ने भारत को 31 फीसदी अप्रत्यक्ष कर के बोझ के नीचे दबाकर रखा था और जो जीएसटी का मजाक बनाते रहे हैं, उन्हें अपने अंदर झांकना चाहिए. गैर जिम्मेदाराना राजनीति और गैर जिम्मेदाराना अर्थ-नीति दोनों केवल रसातल में ही ले जाती हैं.''

बता दें कि जीएसटी परिषद ने शनिवार को 23 चीजों पर कर की दरों में कटौती की थी..

(इनपुट: भाषा)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 24 Dec 2018,08:04 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT