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आधार कार्ड जारी करने वाले UIDAI ने कहा है कि आधार कार्ड डेटाबेस को हैक किए जाने की कोई आशंका नहीं है. अथॉरिटी ने 'हैकिंग' से जुड़ी खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है.
इससे पहले ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि 100 करोड़ भारतीयों के आधार कार्ड का पूरा डेटाबेस खतरे में पड़ सकता है. हफिंगटन पोस्ट के खुलासे के मुताबिक, एक ऐसे सॉफ्टवेयर का पता चला है, जो आधार के बॉयोमेट्रिक और पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखने वाले सिक्योरिटी फीचर को नाकाम कर देता है.
इसमें कहा गया था:
आधार डेटा पर गंभीर खतरे का अंदाज इसी दावे से ही लगाया जा सकता है कि ये सॉफ्टवेयर वॉट्सऐप ग्रुपों में आसानी से बिक रहा है. हफिंगटन पोस्ट के मुताबिक, इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल आधार में एनरोलमेंट कराने बराबर आसान है.
सरकार अक्सर दावा करती रही है कि आधार का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है. लेकिन UIDAI के डेटा में सेंध करने का पर्दाफाश होने के बावजूद सरकार अपने दावे पर अड़ी हुई है. आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद, UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडेय और हाल में ट्राई चेयरमैन आर एस शर्मा ने भी यही दावे किए हैं.
लेकिन इस हैकिंग ने आधार के सेंट्रल डेटा बेस और आधार के डेटा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सेंध लगाने वाले सॉफ्टवेयर के जरिए तो आसानी से नए आधार एनरोलमेंट भी किए जा सकते हैं. हर लिहाज से ये तरीका खतरनाक है और UIDAI के इन दावों पर सवाल उठाता है कि आधार से भ्रष्टाचार कम होगा और कालेधन और धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी.
इन खबरों के बाद यूआईडीएआई ने ट्वीट कर कहा है कि आधार कार्ड के डेटाबेस की हैकिंग की आशंका जानबूझ कर फैलाई जा रही है. .यह यूआईडीएआई को बदनाम करने की कोशिश है.
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