Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Abdul Kalam के जन्मदिन पर दुनिया मना रही छात्र दिवस, UP में छात्रों का हाल देखिए

Abdul Kalam के जन्मदिन पर दुनिया मना रही छात्र दिवस, UP में छात्रों का हाल देखिए

UP Paper Leak- उत्तर प्रदेश में 2017 से 2022 के बीच आधा दर्जन से ज्यादा पेपर लीक हुए

अनुराग सिंह & शुभम श्रीवास्तव
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>उत्तर प्रदेश में छात्रों का हाल पेपर लीक से बदहाल</p></div>
i

उत्तर प्रदेश में छात्रों का हाल पेपर लीक से बदहाल

फोटो:द क्विंट

advertisement

आज पूरा देश "विश्व विद्यार्थी दिवस या वर्ल्ड स्टूडेंट डे" मना रहा है. World Student Day देश के प्रख्यात वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr Abdul Kalam) के जन्मदिन पर हर साल मनाया जाता है.

डॉ. कलाम के साइंस और टेक्नोलॉजी की फील्ड में उत्कृष्ट योगदान के अलावा दुनियाभर के स्टूडेंट्स की तरक्की के लिए किए कार्यों को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2010 में उनका 79वां जन्म दिवस पहली बार वर्ल्ड स्टूडेंट डे के रूप में मनाया था.

इस बीच आज उत्तर प्रदेश में 2017 से 21 के बीच लगातार लीक होते पेपर्स से छात्र परेशान हैं. इस दौरान आधा दर्जन से ज्यादा परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं. अक्सर छात्र सैकड़ों किलोमीटर दूर से जैसे-तैसे संसाधन लगाते हुए परीक्षा केंद्र पहुंचते हैं.

आज यूपी पीईटी का पेपर था. लखनऊ केंद्र पर पहुंचे छात्रों से क्विंट ने बातचीत की और उनकी समस्याएं जानीं. इस बातचीत को आप वीडियो में विस्तार से देख सकते हैं. छात्रों ने बताया कि लखनऊ पहुंचने के लिेए बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा, ट्रेनों और दूसरे साधनों में बहुत भीड़ थी. जैसे-तैसे वे परीक्षा केंद्र तक पहुंच पाए. कई छात्रों का तो इस वजह से पेपर भी छूट गया.

बता दें परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले 37 लाख से अधिक कैंडिडेट्स के लिए सरकार ने फ्री बस और ट्रेन सुविधा प्रदान कराने का ऐलान किया था. इसके बावजूद भी छात्रों की संख्या के हिसाब से सरकार के द्वारा की गई विधार्थियों के लिए व्यवस्था नाकाफी साबित हुई. जिसके बाद में यात्रा करने वाले मुसाफिर और छात्र सरकार को कोसते हुए नजर आए.

एटा की रहने वाली एक छात्रा ने बताया हम लड़कियों के लिए बहुत ही परेशानी है. छात्र तो ट्रेनों में लटककर, बसों की छत पर बैठ कर सफर कर लेते हैं, हम लड़कियो के लिए ये संभव नही है.

बता दें उत्तर प्रदेश में बीते 4 साल (2017 से 2021) में प्रश्नपत्र लीक हो जाने की वजह से आधा दर्जन परीक्षाएं निरस्त हो चुकी है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

यह पेपर हुए हैं लीक

  • 2017- सब इंस्पेक्टर पद के लिए ऑनलाइन परीक्षा होनी थी. 22 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. एक लाख से ज्यादा लोगों ने फॉर्म भरा था, लेकिन पेपर लीक हो गया और एग्ज़ाम रद्द. फिर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन गिरफ्तारी के बाद भी पेपर लीक का सिलसिला रुका नहीं.

  • 2018 फरवरी- यूपीपीसीएल पेपर लीक. जूनियर इंजीनियर (जेई) परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था.

  • 2018 में ही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपीएसईबी) के साइंस का पेपर महारजगंज में लीक हो गया. जिसके बाद बोर्ड को पेपर को रद्द करना पड़ा.

  • जुलाई 2018- UPSSSC पेपर लीक. 14 डिपार्टमेंट में लोअर सबऑर्डिनेट के पोस्ट के लिए करीब 67 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था. जब एसटीएफ ने पेपर लीक की पुष्टि की तो इसे भी रद्द कर दिया गया.

  • 2018, सितंबर- सबऑर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन कमीशन के तहत ही नलकूप ऑपरेटरों की भर्ती के एग्जाम का पेपर लीक. इस मामले में यूपी एसटीएफ ने मेरठ से 11 लोगों को गिरफ्तार किया था.

  • 2020- कौशाम्बी इंटर मीडिएट अंग्रेजी का पेपर आउट हो गया.

  • 2020- डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन के सेकंड सेमेस्टर के मैथ्स की परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी. वजह थी कि एग्जाम से आधा घंटा पहले प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर वायरल हो गया था. तकरीबन 2.5 लाख लोग इस एग्जाम में शामिल हुए थे.

  • 2021- उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी 2021 को सेंट्रल टीचर एलिजिबिल्टी टेस्ट आयोजित हुआ था. दो फरवरी को पेपर आउट की खबर बाहर आई. यहां सिर्फ पेपर ही लीक नहीं हुआ, यहां 'मुन्नाभाई' वाली कहानी भी सामने आई. 50 हजार रुपए लेकर असली कैंडिडेट की जगह पर कोई और एग्जाम दे रहा था. पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया.

  • 28 नवंबर 2021- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले UPTET का पेपर लीक. 21 लाख से ज्यादा कैंडिडेट ने इसके लिए आवेदन किया था. फिर क्या था- एग्जाम रद्द. पुलिस ने दावा किया की मास्टर माइंड पकड़े गए हैं. लेकिन फिर भी नकल और लीक के मास्टर आए दिन बढ़ते ही जा रहे हैं.

आगरा: डिग्री मिलती जा रही हैं, पर नौकरियां नहीं हैं

उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित डा भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय सन 1927 में बनाया गया था. इस स्कूल के अधिकतर छात्र भी 2020-21 में विधार्थी और परीक्षार्थी बन करके रह गए और नौकरी नहीं मिल पाई.

विश्वविद्यालय के 2020-21 सत्र में कुल 1 लाख के आसपास छात्र पास हुए थे. ये अधिकतर छात्र इंजीनियरिंग,MBA और होटल मैनेजमेंट से पासआउट थे. इन एक लाख छात्रों में कुल 417 छात्रों को नौकरी मिल पाई है.

जानकारों ने बताया ये विश्वविद्यालय इस क्षेत्र का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है.यहां पर सत्र 2020-21 में कोई भी मल्टीनेशनल कंपनी प्लेसमेंट के लिए नही आई.

सत्र 2020-21 में कुल एक लाख छात्रों में 417 छात्रों को ही नौकरी मिल सकी थी.इन छात्रों को वो नौकरियां मिली है.जिनमे तकनीकी शिक्षा की कोई आवश्यकता नहीं थी.

नौकरी न मिलने से परेशान छात्र आज भी बेहद परेशान है.उनको अब अपना भविष्य अंधकारमय दिखाई पड़ता है.

इनपुट:शुभम श्री वास्तव

पढ़ें ये भी: JNU छात्र नजीब अहमद को गायब हुए 6 साल पूरे, आज तक नहीं मिला कोई सुराग

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT