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एक्टिविस्ट अखिल गोगोई ने 23 मार्च को लेटर लिखकर आरोप लगाया है कि कस्टडी के दौरान उनका मानसिक और शारिरिक टॉर्चर किया गया. गोगोई ने दावा किया कि नेशनल इन्वेस्टिगेशंस एजेंसी (NIA) ने उन्हें इस शर्त पर जमानत देने का ऑफर दिया कि वो अगर बीजेपी या आरएसएस जॉइन करते हैं तो उन्हें जमानत दिला दी जाएगी. बता दें कि गोगोई को एंटी-सीएए आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था.
पीटीआई के मुताबिक गोगोई ने बताया कि- 'NIA के हेडक्वार्टर में मुझे लॉकअप नंबर 1 में बंद किया गया और मुझे सिर्फ 1 कंबल दिया गया. मैं 3-4 डिग्री तापमान में जमीन पर सोया.'
कृषक मुक्ति संग्राम के नेता गोगोई के मुताबिक NIA के अधिकारियों ने अगर वो RSS में शामिल होते हैं तो तुरंत जमानत देने का ऑफर दिया.
किसान नेता गोगोई ने ये भी आरोप लगाया कि उन्हें 20 करोड़ रुपये ऑफर दिया गया और शर्त रखी गई कि उन्हें कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) से इस्तीफा देना होगा. उन्होंने कहा कि एक NGO की शुरुआत करो जो असम में ईसाई धर्मांतरण के खिलाफ काम करेगा.
गोगोई के मुताबिक इसके बाद जब उन्होंने सारे प्रस्ताव ठुकरा दिए, तो NIA ने उन्हें मुख्यमंत्री और प्रभावी मंत्री से मिलने का ऑफर दिया. गोगोई ने इन्हें भी ठुकरा दिया.
लेटर में गोगोई ने लिखा है कि- 'मुझे धमकी दी गई कि अगर में प्रस्तावों को नहीं मानता हूं तो मुजे परिणाम भुगतने होंगे. मुझे धमकी दी गई कि मुझे 10 साल तक की सजा हो सकती है.'
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