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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष और एक्टिविस्ट शेहला रशीद को लेकर अब एक नई जंग छिड़ चुकी है. कश्मीर को लेकर दिए बयान के बाद कई लोगों ने शेहला को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया. सोशल मीडिया पर लोगों की एक बड़ी भीड़ ने उन्हें जमकर ट्रोल किया. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो शेहला को खुलकर सपोर्ट कर रहे हैं. जो सरकार पर जबरन जुबान बंद करने का आरोप लगा रहे हैं. एक चैनल ने तो शेहला की गिरफ्तारी होनी चाहिए या नहीं, इस पर पोल शुरू किया. लेकिन फिर हटा लिया.
शेहला की गिरफ्तारी की मांग के बीच ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमन एसोसिएशन की सचिव और एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने शेहला रशीद के सपोर्ट में एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने कुछ मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया ट्रोल्स पर हमला बोला है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा-
ह्यूमन राइट्स वॉच की साउथ एशिया डायरेक्टर मीनाक्षी गांगुली ने भी शेहला रशीद को लेकर एक ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में कश्मीर को लेकर पारदर्शिता की बात की. मीनाक्षी ने लिखा,
‘शेहला रशीद पर मुकदमा चलाने की बजाय स्वतंत्र पत्रकारिता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना जरूरी है. उन्होंने कुछ आरोप लगाए, जिन्हें सेना ने नकार दिया. इस सब पर एक स्वतंत्र और पारदर्शी जांच होनी चाहिए. जानकारियों को पूरी तरह खत्म किया जा रहा है और सिर्फ अटकलें लगाई जा रही हैं.’
शेहला रशीद के बयान पर सेना का जवाब आते ही कुछ न्यूज चैनल भी ट्रोल्स जैसी हरकतें करने लगे. एक बड़े न्यूज चैनल ने शेहला रशीद की गिरफ्तारी को लेकर पोल तक चला दिया. लेकिन इसका विरोध होते देख कुछ ही देर में चैनल को इसे डिलीट भी करना पड़ा. चैनल ने अपने यूट्यूब पेज पर एक पोल चलाया जिसका सवाल था- क्या शेहला रशीद को उनके ट्वीट्स के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए? इस पोल को पोस्ट करते ही लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए.
ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर प्रतीक सिन्हा ने भी इसे लेकर ट्वीट किया और ऐसी पत्रकारिता पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा,
‘सीएनएन न्यूज18 ने अपने यूट्यूब पेज पर एक एक पोल चलाकर शेहला रशीद की गिरफ्तारी की बात कही. लेकिन जब उनसे सवाल पूछे गए तो इसे डिलीट कर दिया गया. न्यू इंडिया की पत्रकारिता में सरकार की आलोचना करने वालों को एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार कर देना चाहिए, जबकि सरकार बिना किसी सुधार के कुछ भी गलत जानकारियां फैला सकती है.’
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