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कोरोना वायरस संकट के बीच असम में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू लगातार पैर पसार रही है. अब तक राज्य के 10 जिलों में 14 हजार से ज्यादा सूअर मारे जा चुके हैं. इससे अब राज्य में नई मुसीबत खड़ी हो गई है. पशुपालन में लगे सैकड़ों लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है. वहीं, असम की सरकार का कहना है कि बीमारी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
सरकार का कहना है कि, असम में ऐसा पहली बार हुआ है जब अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का ऐसा मामला सामने आया है. ये घातक बीमारी है जो फिलहाल घरेलू सूअरों में देखी गई है. वहीं, असम के पशुपालन मंत्री अतुल बोरा ने कहा,
अफ्रीकी स्वाइन फ्लू से प्रदेश के लोगों में दहशत का महौल है. पहले ही कोरोना वायरस की वजह से लोग काफी परेशानी में है. लेकिन अब इस बीमारी से उनपर दोहरी मार पड़ रही है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंसानों के खतरे को लेकर असम पशुधन निगम के अध्यक्ष मनोज सैकिया का कहना है कि अब तक की जानकारी के मुताबिक ये इंसानों में नहीं फैलता है और न ही इसका कोविड-19 से कोई संबंध है.
स्वाइन फ्लू या H1N1 फ्लू सांस से जुड़ी बीमारी है, जो बेहद संक्रामक है. ये सूअरों से फैलने वाली बीमारी है और इससे मनुष्य भी संक्रमित होते हैं. ये वही बीमारी है, जिसे 2009 में WHO ने महामारी करार दिया था.
स्वाइन फ्लू के लक्षण दूसरे फ्लू की तरह ही हैं. इसमें आपको बुखार होगा, ठंड लगेगी, नाक से पानी, बार-बार छींक, गले में खराश और शरीर में दर्द हो सकता है.
बता दें कि असम में फैले अफीकी स्वाइन फ्लू को लेकर असम की सरकार जांच कर रही है. एहतियात के तौर पर यहां सूअरों के मांस पर रोक लगा दी गई है.
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