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एक और ब्रिज टूट गया और जांच शुरू हो गई. इस 'जांच' नाम के शब्द से क्या आपको देरी का अहसास नहीं होता है? होना चाहिए, क्योंकि पिछले कई उदाहरण इसकी तस्दीक करते हैं. मुंबई के सीएसटी स्टेशन के पास बना फुटओवर ब्रिज गिरने से कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और तीस से ज्यादा लोग जख्मी हो गए. लेकिन ये कोई पहली घटना नहीं है. लगता है ये हादसे मुंबई और मुंबईकरों की किस्मत में लिख दिए गए हैं.
हर बार किसी हादसे के बाद जो कार्रवाई होती है, उसके नाम पर बीएमसी कमीश्नर अजय मेहता पर कार्रवाई की मांग चल रही है. लेकिन अब तक ऐसा होता तो नहीं दिख रहा है. साफ है कि कुछ छोटे अधिकारियों पर आरोप डालकर, हादसे का बिल फाड़ दिया जाए, इससे कुछ नहीं होने वाला है. टाइम बाउंड कार्रवाई होनी ही चाहिए.
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मुंबई के कमला मिल कंपाउंड में लगी आग का मामला हम देख चुके हैं. मुंबई के कमला मिल कंपाउंड में 29 दिसंबर 2017 दो रेस्टोरेंट में लगी आग की घटना ने 14 बेगुनाहों जान ले ली थी. इस घटना में भी बीएमसी के अधिकारियों की लापरवाही की बात सामने आइ थी. इसके बाद मीडिया में हंगामा मचा तो बीएमसी ने मामले की जांच के आदेश दिए और करीब 9 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. हैरान करने वाली बात ये है की करीब 11 महीनों के बाद इस मामले की जांच रिपोर्ट बीएमसी कमिश्नर अजोय महेता को सौंपी गई. अब तक दोषी अधिकारियों पर कोई सजा का ऐलान नहीं हुआ है.
एल्फिंस्टन पुल और अंधेरी में गोखले पुल गिरने के बाद बीएमसी ने IIT- मुंबई और रेल्वे मुंबई के कुल 445 FOB/ROB पुलों का साझा ऑडिट किया था. इसमें कई पुलों को तोड़कर नए सिरे से बनाने का सुझाव दिया गया था और कई पुलों की मरम्मत का सुझाव दिया गया था.
जानकारी के मुताबिक सीएसटी से कर्जत और कसारा के बीच कुल 71 रोड ओवरब्रिज (ROB) हैं और 163 फुटओवर ब्रिज (FOB) हैं. पश्चिम रेलवे पर चर्चगेट से सूरत के बीच कुल 146 FOB हैं, और कुल 46 ROB हैं. इनमें अलग से कोई पुल निरीक्षक नहीं है. कई पुल तो 200 सालो से ज्यादा पुराने हैं और जर्जर हालत में हैं.
पुलों की ऑडिट करने वाली ऑडिट टीम ने इन FOB/ROB को मरम्मत और तोड़ने का सुझाव दिया है-
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