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जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह को हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर समेत दो आतंकियों के साथ एक कार से हिरासत में लिया गया है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का आतंकियों के साथ कार से हिरासत में लिए जाने के बाद से बवाल मचा हुआ है. इसी बीच 2001 संसद हमला मामले में फांसी पर लटकाए जा चुके अफजल गुरू का भी सिंह के साथ कनेक्शन सामने आ रहा है.
'द वायर' की रिपोर्ट के मुताबिक, अफजल गुरू ने अपने एक खत में एक पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह का नाम लिया था, लेकिन उनकी संसद हमले में भूमिका की कोई जांच नहीं हुई थी.
सिंह के हिरासत में लिए जाने की खबर के बाद सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने भी ट्विटर पर लिखा कि अफजल ने अपने खत में देविंदर सिंह नाम के अधिकारी का जिक्र किया था और अब सिंह के 'आतंकियों के साथ पकड़े जाने की खबर आई है."
कृष्णन ने दावा किया है कि देविंदर सिंह ने अफजल को 'यातना' देने की बात कबूली थी और अफजल को 'उस काम के लिए फांसी हुई जो उसने सिंह के कहने पर किया' था.
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी सिंह के अफजल मामले में शामिल होने की बात ट्विटर पर लिखी. भूषण ने लिखा, "साफ है कि सिंह को अफजल के समय बचाया जा रहा था."
हालांकि, इन सब बातों पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि ऐसा कुछ भी उनके रिकॉर्ड में नहीं है.
देविंदर सिंह का नाम देश के सामने तब आया था जब अफजल गुरू के वकील सुशील कुमार ने गुरू की हैंडराइटिंग में एक खत जारी किया था. इस खत में अफजल ने देविंदर सिंह को 'द्रविन्द्र सिंह' लिखा था. अफजल ने इस खत में संसद पर हमला करने वाले एक दोषी से अपनी मुलाकात में सिंह की भूमिका का जिक्र किया था.
अफजल ने इसी खत में ये भी दावा किया था कि देविंदर और उनके असिस्टेंट शंटी सिंह ने 2000 में अफजल को हमहम्मा STF कैंप में यातनाएं दी थीं. अफजल ने लिखा था,
मोहम्मद 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला करने वालों में से एक था. उसे वहीं मार दिया गया था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह को दो आतंकियों के साथ हिरासत में लिया गया है. सिंह को एक कार से इन आतंकियों के साथ पकड़ा गया है. पुलिस ने कहा है कि वो डीएसपी सिंह के साथ आतंकियों जैसा ही सलूक कर रही है और उनसे पूछताछ जारी है. शनिवार 11 जनवरी की रात जम्मू नेशनल हाईवे से इन तीनों को हिरासत में लिया गया था. इनके साथ एक स्थानीय एडवोकेट को भी पकड़ा गया है.
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