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पब्लिक सेक्टर बैंकों के लाखों कर्मचारी 15 और 16 मार्च को हड़ताल (Bank Strike) पर रहेंगे. कर्मचारी सरकारी बैंकों के निजीकरण का विरोध करेंगे. इस हड़ताल से पहले लाखों कर्मचारियों को पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) का साथ मिल गया है. राजन ने कहा है कि अगर सरकारी बैंक कॉर्पोरेट्स को बेचे जाते हैं तो ये 'बहुत बड़ी गलती' होगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ इंटरव्यू में रघुराम राजन ने सरकारी बैंकों के निजीकरण पर चर्चा की. राजन ने कहा, "मुझे लगता है इंडस्ट्रियल हाउसेस को सरकारी बैंक बेचना बहुत बड़ी गलती होगी. किसी अच्छे बड़े बैंक को विदेशी बैंकों को बेचना राजनीतिक रूप से संभव नहीं हो पाएगा."
रघुराम राजन ने कहा कि 2021-22 बजट में सरकार ने निजीकरण को काफी महत्त्व दिया है लेकिन इस पर काम करने में सरकार का इतिहास अच्छा नहीं रहा है. राजन ने कहा कि पता नहीं इस बार ये कैसे अलग होगा.
दो बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण पर रघुराम राजन ने कहा कि ये कैसे किया जाएगा, इस पर बहुत कम जानकारी है. पूर्व RBI गवर्नर ने कहा, "देश का एक निजी बैंक एक पब्लिक सेक्टर बैंक को खरीदने की स्थिति में हो सकता है, लेकिन मुझे नहीं पता कि वो ऐसा करना चाहता है या नहीं."
15 और 16 मार्च को बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं क्योंकि लाखों कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने अपने बयान में दावा किया है कि 10 लाख कर्मचारी और अफसर इस हड़ताल में हिस्सा लेंगे. UFBU नौ यूनियनों का एक संगठन है.
रघुराम राजन का बयान UFBU के लिए बूस्टर की तरह काम करेगा. ये हड़ताल सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में हो रही है.
(इनपुट: Economic Times)
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