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आम लोगों के सपनों को ‘उड़ान’ देने वाले एयर इंडिया की 10 बड़ी बातें

एयर इंडिया की शुरुआत से लेकर अबतक की 10 बड़ी बातें जरूर जानना चाहिए

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आम लोगों के सपनों को ‘उड़ान’ देने वाले एयर इंडिया की 10 बड़ी बातें
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आम लोगों के सपनों को ‘उड़ान’ देने वाले एयर इंडिया की 10 बड़ी बातें
(फोटो: Reuters)

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सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया गया है. लेकिन देश के एयर ट्रांसपोर्ट का सबसे बड़ा नाम 'एयर इंडिया' हिंदुस्तानी ही रहेगा, क्योंकि ये तय किया गया है कि इसे सिर्फ कोई भारतीय ही खरीद पायगा. सरकार ने हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

ऐसे में आपको एयर इंडिया की शुरुआत से लेकर अबतक की 10 बड़ी बातें जरूर जानना चाहिए

  1. साल 1929 में टाटा संस के बोर्ड मेंबर और बाद में चैयरमेन बने जहांगीर रतनजी दादाभाई (JRD) टाटा ने देश का पहला पायलट लाइसेंस हासिल किया था.
  2. 1932 में टाटा संस ने टाटा एयरलाइंट लिमिटेड कंपनी खड़ी की, और कराची से बॉम्बे तक की फ्लाइट को JRD ने खुद उड़ाया.
  3. साल 1937 में दिल्ली और बॉम्बे के बीच मेल और पैसेंजरों के लिए रेगुलर सर्विस शुरू कर दी गई.
  4. सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद साल 1946 में टाटा एयरलाइंस को पब्लिक कंपनी बनाया गया और यहीं से इसको नाम मिला- एयर इंडिया (AIR INDIA). महज 2 साल बाद ही कंपनी इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए भी तैयार हो गई.
  5. 8 जून 1948 में पहली बार AIR INDIA ने मुंबई से विदेश के लिए कोई उड़ान भरी थी. मुंबई से लंदन तक के इस सफर का किराया था 1720 रुपये. खास बात ये है कि इस विमान में भी जेआरडी टाटा थे.
  6. साल 1950 में पहली बार एयर इंडिया का विमान क्रैश हुआ. इसमें 48 लोगों की मौत हो गई थी. ऐसा आखिरी हादसा साल 1985 में हुआ था.
  7. 1953 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया. JRD टाटा को इसका पहला चैयरमेन बनाया गया जो 1977 तक इस पद पर बने रहे.
  8. एयरलाइंस सेक्टर में लगातार बढ़ते कंपीटिशन के कारण बाद में देश में कई कंपनियां खड़ी हुईं और एयर इंडिया की सेहत बिगड़ने लगी. यूपीए सरकार ने 2012 से 10 साल के लिये 30,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज दिया था.
  9. इसके बावजूद लगातार घाटा झेल रही कंपनी को 2016 में दुनिया की तीसरी सबसे खराब बिजनेस का दर्जा मिला था.
  10. फिलहाल, एयरलाइन के कर्मचारियों की संख्या 21,000 है. कंपनी के ऊपर 52,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. 2017 तक पिछले 3 साल में 6,279 करोड़, 5859 करोड़ और 3836 करोड़ रूपए का घाटा रहा.

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Published: 30 Mar 2018,05:50 PM IST

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