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टीवी, अखबार और सोशल मीडिया पर झांकी देखकर लगता है कि यत्र-तत्र-सर्वत्र Jio है. लेकिन डेटा कुछ और कहता है. डेटा कहता है कि किसी अच्छे फ्रेंड की तरह एयरटेल आज भी जरूरी होता है. दिसंबर का डेटा कहता है कि चाहे एक्टिव यूजर्स हो या ग्रॉस यूजर्स या फिर इनएक्टिव यूजर, हर मामले में एयरटेल ने Jio को पछाड़ा है. और नहीं, किसान आंदोलन के कारण ऐसा नहीं हो रहा. ये ट्रेंड उससे पहले से शुरू हो चुका था.
• इस समय भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा एक्टिव सब्सक्राइबर्स एयरटेल के पास हैं.
• दिसंबर में एयरटेल ने 55 लाख नए सब्सक्राइबर जोड़े हैं, यह पिछले 14 माह में एयरटेल का सबसे बड़ा नंबर है.
• नए सब्सक्राइबर्स के जुड़ने से सितंबर 2020 से अबतक एयरटेल के शेयर्स में आया 40 फीसदी का उछाल.
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के दिसंबर 2020 के आंकड़ों को देखने से हम पाते हैं कि एयरटेल ने दिसंबर में लगभग 40 लाख ग्रॉस यानी सकल सब्सक्राइबर्स को जोड़ा है. यह आंकड़ा जियो के 5 लाख से 8.5 गुना ज्यादा है. यहां भी अगर वृद्धि दर की बात करें तो एयरटेल ज्यादा तेजी से बढ़ा है.
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में एयरटेल का मार्केट शेयर 27.96 फीसदी था, जो दिसंबर में बढ़कर 29.36% तक पहुंच गया है. वहीं जुलाई में जियो का मार्केट शेयर 35.03 फीसदी था जो दिसंबर में बढ़कर 35.43% तक पहुंच गया है. यहां भी अगर वृद्धि दर की बात करें तो एयरटेल ज्यादा तेजी से बढ़ा है.
एयरटेल लगातार पांचवे महीने दिसंबर 2020 तक नए सब्सक्राइबर्स को जोड़ने के मामले में टॉप पर रही है. जियो के पिछड़ने की वजह किसान आंदोलन को भी बताया जा रहा है, लेकिन आंकड़े तो कुछ और ही कहते हैं. क्योंकि ऐसा नहीं है कि नवंबर या दिसंबर में एयरटेल ने जियो पर बढ़त बनाई है. ट्राई के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच महीने से नेट सब्सक्राइबर एडिशन में एयरटेल जियो पर भारी पड़ रहा है. 4G यूजर्स जोड़ने के मामले में भी एयरटेल ने बढ़त बनाई है.
रिलायंस जियो के पिछड़ने की सबसे बड़ी वजह उसकी कॉल ड्रॉप की समस्या और फ्री ऑफर्स की है. क्योंकि पहले तो जियो ने उपभोक्ता को कई लुभावने ऑफर दिए थे जिससे उसके यूजर्स में अचानक से रिकॉर्ड वृद्धि हुई थी, लेकिन बाद में वह अपने यूजर्स की जेब पर भारी पड़ने लगा. इससे यूजर रिलायंस जियो का साथ छोड़ने लगे. वहीं कॉल ड्रॉप भी जियो की अहम समस्या में से एक है. वहीं नेटवर्क की बात करें तो जियो से ज्यादा एयरटेल पर लोगों का भरोसा है.
इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि जियो 2021 की दूसरी छमाही में 5G लॉन्च करने की योजना बना रही है. वहीं इंडिया मोबाइल कांग्रेस को ही संबोधित करते हुए भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील मित्तल ने कहा कि मोबाइल इंटरनेट की दुनिया में अगली पीढ़ी के 5G टेक्नोलॉजी के आने में अभी दो-तीन साल लग जाएंगे.
सरकार ने भारत में 5G सेवाएं 2022 में शुरू होने की उम्मीद जताई है, लेकिन संसद की स्थाई कमिटी ने सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं. स्थाई कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 5G स्पेक्ट्रम की उपलब्धता काफी कम है , साथ ही इसकी कीमत बहुत ज्यादा है सरकार अभी तक इसका ट्रायल भी शुरू नहीं कर पाई है. सरकार की तरफ से नेटवर्क की सुरक्षा को लेकर भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है. कमेटी के मुताबिक ऐसे में कंपनियों के लिए सेवाएं शुरू करना आसान नहीं होगा.
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