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डीयू प्रोफेसर के #MarksJihad वाले बयान पर AISA और NSUI का विरोध प्रदर्शन

छात्रों की मांग है कि डीयू के प्रोफेसर राकेश कुमार पांडेय पर कॉलेज प्रशासन एक्शन ले और उन्हें बर्खास्त करे

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों का विरोध प्रदर्शन</p></div>
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दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों का विरोध प्रदर्शन

फोटो- क्विंट हिंदी

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दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के एक प्रोफेसर की केरल के बच्चों के प्रति विवादास्पद टिप्पणी पर शुक्रवार को किरोड़ीमल कॉलेज में 'आइसा' (AISA- All India Students' Association) और एनएसयूआई (NSUI) के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया.

छात्रों की मांग है कि किरोड़ीमल कॉलेज के प्रोफेसर राकेश कुमार पांडेय पर कॉलेज प्रशासन एक्शन ले और उन्हें कॉलेज से बर्खास्त करे.

आइसा के अनुसार, विरोध कर रहे छात्रों ने डीयू में ब्राह्मणवाद और इस्लामोफोबिया के प्रतीक राकेश कुमार पांडेय के पुतले को जलाया जिसके बाद कैंपस के अंदर ही मार्च निकाला. छात्रों ने जातिवाद और इस्लामोफोबिया के खिलाफ नारे लगाते हुए राकेश पांडेय को सस्पेंड करने की मांग की.

DU प्रोफेसर ने क्या कहा था?

दरअसल बुधवार को राकेश पांडेय ने एक बयान में आरोप लगाया था कि 100 अंकों के साथ केरल बोर्ड के छात्रों का डीयू में आवेदन देना यह सब प्लान किया गया है. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जानी चाहिए और उन्होंने इसे #MarksJihad बता दिया.

उन्होंने कहा था कि "कोई भी व्यक्ति केरल बोर्ड से बड़ी संख्या में आ रह छात्रों की बात को सामान्य नहीं मान सकता. इनमें से ज्यादातर छात्र ना तो हिंदी और ना ही अंग्रेजी जानते हैं. इन सभी छात्रों ने 11वीं कक्षा में 100 अंक नहीं पाये थे".

इस टिप्पणी की आलोचना कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी की थी और अब आइसा और एनएसयूआई के छात्र इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इस व्यक्ति पर कैसे भरोसा किया जा सकता है कि यह क्लास में छात्रों के साथ निष्पक्ष रहेगा क्योंकि यह अब तक उन छात्रों से मिला भी नहीं और उससे पहले ही यह जहर उगल रहा है? आरएसएस की मुस्लिम आबादी, मुसलमानों को आतंकवादी बताने का प्रयास, 'जिहाद' शब्द का गलत प्रयोग वाली बयानबाजी का विरोध किया जाना चाहिए. डीयू एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है जो संविधान के सिद्धांतों पर काम करता है और हम विश्वविद्यालय में धर्मनिरपेक्षता के आदर्श के साथ कोई समझौता बर्दाश्त नहीं करेंगे.
कामरेड ऋत्विक राज, सचिव, आइसा डीयू
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उधर नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने भी किरोड़ीमल कॉलेज के प्रोफेसर राकेश पांडेय द्वारा केरल के छात्रों के बारे में बेहूदा टिप्पणी करने पर विरोध प्रदर्शन किया.

छात्रों ने प्रिंसिपल से मिलकर उनको ज्ञापन सौंपा और जल्द से जल्द प्रोफेसर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की. छात्रों ने प्रोफेसर राकेश पांडेय का फोटो भी जलाया.

एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष कुनाल सहरावत ने कहा कि "हमनें आज विरोध प्रदर्शन के माध्यम से डीयू प्रशासन को सख्त चेतावनी दी और तुरंत संघी प्रोफेसर को बर्खास्त करने की मांग की है और पुरे देश से माफी मांगने की भी मांग की है".

उन्होंने आगे कहा कि "दिल्ली विश्वविद्यालय में इस तरह की घटिया मानसिकता के प्रोफेसर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. ऐसे लोगों को तुरंत विश्वविद्यालय से बाहर निकालना चाहिए."

वहीं एनडीटीवी के मुताबिक, सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि केरल के 100 से ज्यादा छात्रों के दाखिले पर रोक लग गई थी, क्योंकि उनकी मार्कशीट को लेकर कोई भ्रम हो गया था. जिसके बाद प्रोफेसर की आपत्तिजनक टिप्पणी आई था. लेकिन अधिकारियों के केरल में बोर्ड से संपर्क करने के बाद यह मुद्दा सुलझ भी गया था.

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