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डीयू के प्रोफेसर की #MarksJihad वाली टिप्पणी को शशि थरूर ने बताया बेहूदा

डीयू में केरल से अधिक संख्या में आवेदन कर रहे छात्रों को डीयू के एक प्रोफेसर ने 'कॉन्सपिरेसी' बताया.

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने केरल के शिक्षा बोर्ड के खिलाफ #MarksJihad संबंधी दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के प्रोफेसर की टिप्पणी को बेहूदा बताया है.

दरअसल केरल से काफी संख्या में छात्र-छात्राओं ने अच्छे अंकों के साथ डीयू के कॉलेजों में आवेदन किया था. उसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा शिक्षक संघ नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (NDTF) के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने बुधवार को टिप्पणी की थी.

केरल से अधिक संख्या में छात्रों के आवेदन करने के पीछे पांडेय ने ‘साजिश’ होने की बात कही जिस पर थरूर ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि "केरल के खिलाफ यह पूर्वाग्रह अब खत्म हो जाना चाहिए. थरूर ने पांडेय की विवादस्पद टिप्पणी से जुड़ी खबर की एक क्लिप साझा करते हुए ट्वीट किया कि "कोई भी चीज जो आप पसंद नहीं करते हैं, उसके खिलाफ जिहाद शब्द का इस्तेमाल करना अपनी सारी हदें पार कर रहा है: अब डीयू के एक अध्यापक ने #MarksJihad पर बवाल मचा कर ध्यान आर्किषत किया है".
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शशि थरूर ने आगे लिखा कि अकों के आधार पर डीयू में एडमिशन को लेकर उन्होंने इसका हमेशा विरोध किया है. लेकिन यह बेहूदा है. उन्होंने लिखा कि "अगर 'जिहाद' का अर्थ संघर्ष है तो केरल के छात्रों ने 100% अंक प्राप्त करने के लिए डीयू तक पहुंचने के लिए संघर्ष किया है. अगर आप चाहें तो एडमिशन से पहले उनका इंटरव्यू कर लें लेकिन उनके अंकों को इस तरह दिखाना ठीक नहीं".

राकेश पांडेय ने आखिर कहा क्या था?

दरअसल बुधवार को राकेश पांडेय ने एक बयान में आरोप लगाया था कि 100 अंकों के साथ केरल बोर्ड के छात्रों को डीयू में आवेदन देना यह सब प्लान किया गया है. उन्होंने कहा कि यह कुछ ऐसी चीज का संकेत देता है जिसकी जांच की जानी चाहिए.

कोई भी व्यक्ति केरल बोर्ड से बड़ी संख्या में आ रह छात्रों की बात को सामान्य नहीं मान सकता. इनमें से ज्यादातर छात्र ना तो हिंदी और ना ही अंग्रेजी जानते हैं. इन सभी छात्रों ने 11वीं कक्षा में 100 अंक नहीं पाये थे.

एनडीटीवी के मुताबिक, सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि केरल के 100 से ज्यादा छात्रों के दाखिले पर रोक लग गई थी, क्योंकि उनकी मार्कशीट को लेकर कोई भ्रम हो गया था. लेकिन अधिकारियों के केरल में बोर्ड से संपर्क करने के बाद यह मुद्दा सुलझ गया था.
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इस पूरे विवाद के बाद एनएसयूआई की तरफ से बताया गया कि डीयू के प्रोफेसर की टिप्पणी के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन किया जाएगा. एनएसयूआई दिन में 11 बजे किरोडीमल कॉलेज के कैंपस में प्रदर्शन करेगी.

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