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पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर विवाद गहराता जा रहा है. मुस्लिम देशों के विरोध के बाद अब आतंकी संगठन अल-कायदा (Al Qaeda) भी कूद गया है. अल कायदा इन द सबकांटिनेंट (AQIS) ने चिट्ठी जारी कर भारत में आत्मघाती हमले की धमकी दी है. चिट्ठी में दिल्ली, मुंबई, UP और गुजरात में आत्मघाती हमले की धमकी दी गई है. इस चिट्ठी पर 6 जून 2022 की तारीख है. यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.अल-कायदा की इस धमकी के बाद भारत में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं.
चलिए आपको बताते हैं कि इससे पहले कब-कब आतंकी संगठन अल-कायदा ने भारत के खिलाफ जहर उगला है.
वैश्विक आतंकी संगठन अल-कायदा का सरगना अयमान अल जवाहिरी (Ayman Al-Zawahiri) ने इस साल मई में कश्मीर को लेकर वीडियो संदेश (Ayman Al-Zawahiri Video) जारी किया था. इस वीडियो में उसने कहा कि जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटना मुसलमानों के मुंह पर तमाचा है.
कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) पर भी अल-जवाहिरी का बयान आया था. अल कायदा सरगना ने वीडियो जारी कर कहा था कि हिजाब विवाद पर दुनियाभर के मुसलमान उन लड़कियों का खुलकर सपोर्ट करें, जो इसको पहनने के लिए लड़ रही हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 9 मिनट के वीडियो में जवाहिरी ने कहा था कि भारत के हिंदू लोकतंत्र में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है. इसके साथ ही उसने कर्नाटक हिजाब विवाद के दौरान सुर्खियों में आई मुस्कान को महान लड़की भी बताया था.
मार्च में असम पुलिस ने अल-कायदा से कथित संबंधों के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. इन पर बांग्लादेश से बाहर के एक संगठन से जुड़ने का आरोप है जिसका रिश्ता अल-कायदा से है. इन सभी आरोपियों को पुलिस ने असम के हाउली, बारपेटा और कलगछिया इलाके से गिरफ्तार किया था.
2014 में अल कायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी ने AQIS के गठन की घोषणा की थी. भारत में जन्में आसिम उमर को इसका प्रमुख बनाया गया था. मकसद भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश की सरकारों के खिलाफ जेहाद करना है.
इससे पहले सितंबर 2014 में बनाए गए AQIS को अमेरिका ने आतंकी संगठन का दर्जा दिया था. इस आतंकी गुट ने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में कई हमले करने का दावा किया है.
ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के एबटाबाद में मारे जाने के बाद अल कायदा की कमान अयमान अल जवाहिरी के हाथ में है. 2011 में वह अलकायदा का प्रमुख बना. दुनिया भर में कई जगह हुए आतंकी हमलों के पीछे उसका हाथ माना जाता है.
अयमान अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था. अरबी और फ्रेंच बोलने वाला जवाहिरी पेशे से सर्जन है. 14 साल की उम्र में वह मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था.
जवाहिरी ने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का गठन किया. ये एक ऐसा उग्रवादी संगठन था जिसने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया था. उसकी इच्छा थी कि मिस्र में इस्लामिक हुकूमत कायम हो.
1985 में ओसामा बिन लादेन और अल जवाहिरी की पेशावर में मुलाकात हुई. यहां से दोनों आतंकियों के बीच रिश्ता मजबूत होने लगा.
इसके बाद 2001 में अल जवाहिरी ने EIJ का अलकायदा में विलय कर लिया.
9/11 हमलों में अल जवाहिरी ने मुख्य भूमिका निभाई थी. वह अलकायदा की निर्णय प्रक्रिया के केंद्र में था. वह बिन लादेन और शीर्ष कमांडरों के बीच मैसेंजर का काम करता था.
अल जवाहिरी के तमाम प्रयासों के बावजूद अलकायदा को भारत में अपनी जड़ें जमाने में बहुत ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है. पिछले साल संयुक्त राष्ट्र यानी UN की ओर से बताया गया था कि अलकायदा की दक्षिण एशिया इकाई तालिबान के संरक्षण में अफगानिस्तान में सक्रिय है. संगठन मुख्य तौर पर अफगान और पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर बना है, लेकिन इसमें कुछ लोग बांग्लादेश, भारत और म्यांमार के भी हैं.
अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद माना जा रहा है कि अलकायदा फिर से मजबूत होगा. 2001 के बाद भले अलकायदा कमजोर पड़ा है, लेकिन उसके लड़ाके अब भी अफगानिस्तान में हैं.
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