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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आखिरकार डॉक्टर कफील खान की रिहाई के आदेश जारी किए हैं. कफील खान को कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में पिछले 7 महीने से जेल में रखा गया था. उनकी रिहाई नहीं हो सके इसके लिए सरकार ने उनके खिलाफ एनएसए के तहत मामला दर्ज किया. अब उनकी रिहाई को लेकर ट्विटर पर राजनीति जगत से लेकर तमाम बाकी लोग खुशी जाहिर कर रहे हैं और सरकार के रवैये पर सवाल भी उठा रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी डॉ कफील खान की रिहाई को लेकर योगी सरकार को घेरने की कोशिश की.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर सभी लोगों को बधाई देते हुए इस बात की तरफ भी इशारा किया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कफील खान को जेल में रखा जा सकता है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,
प्रियंका गांधी के अलावा कई नेताओं और अन्य लोगों ने ट्विटर पर कफील खान की रिहाई का जिक्र किया और उनकी इस गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार दिया. स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने ट्विटर पर कहा,
"इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ कफील खान की हिरासत को बढ़ाने पर रोक लगा दी, जो हिरासत गैरकानूनी थी. मैं उनके भाषण का चश्मदीद गवाह हूं. कोर्ट ने उसी बात की पुष्ठि की है जो मैं कह रहा था- उनके भाषण ने किसी भी नफरत या हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया. उन्होंने हिंसा के खिलाफ बोला और देश को एकजुट रहने की अपील की. सत्यमेव जयते!"
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी कफील खान की रिहाई को सुखद बताया है. उन्होंने ट्विटर पर कहा,
गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी ने भी ट्विटर पर लिखा कि यूपी सरकार ने गलत तरीके से डॉ कफील खान को टारगेट किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,
डॉ कफील खान की रिहाई को लेकर काफी खुश हूं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को उन्हें गलत तरीके से टारगेट करने के लिए चेतावनी भी दी, लेकिन मेरी मांग है कि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
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