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Alt News के जुबैर को दिल्ली की अदालत से बड़ी राहत, 'हनुमान ट्वीट' केस में जमानत

एडिशनल सेशंस जज देवेंद्र कुमार जांगला ने 14 जुलाई को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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<div class="paragraphs"><p>Alt News को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को बड़ी राहत, '2018 ट्वीट' मामले में जमानत</p></div>
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Alt News को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को बड़ी राहत, '2018 ट्वीट' मामले में जमानत

(Photo- Altered By Quint)

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Alt न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (Alt News Co-founder Mohammed Zubair) को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने '2018 ट्वीट' मामले में जुबैर को जमानत दी है. आपको बता दें कि गुरुवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट में मोहम्मद जुबैर की तरफ से उनकी वकील वृंदा ग्रोवर और दिल्ली पुलिस की तरफ से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने पक्ष रखा.

दिल्ली में दर्ज FIR से जुड़ा है मामला

दिल्ली में दर्ज FIR में मोहम्मद जुबैर पर 2018 में किए एक ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा है. इसमें उन्होंने 1983 की एक फिल्म के सीन का इस्तेमाल किया गया था.

27 जून को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पूछताछ के बाद जुबैर को अचानक गिरफ्तार किया था. 2 जुलाई को दिल्ली में दर्ज FIR मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दिया था.

धार्मिक भावनाएं भड़काने के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 201 और एफसीआरए की धारा 35 की धाराओं को भी जोड़ा है.

कोर्ट में क्या-क्या दलीलें दी गई?

कोर्ट में मोहम्मद जुबैर की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर (Vrinda Grover) ने तर्क दिया है कि यह ट्वीट 2018 का है और 1983 में रिलीज हुई फिल्म 'किसी से ना कहना' का स्टिल है. उन्होंने यह भी दावा किया कि कई ट्विटर यूजर ने तस्वीर शेयर की थी, हालांकि, केवल जुबैर को 'निशाना' बनाया जा रहा है. हालांकि विशेष लोक अभियोजक ने तर्क दिया कि जुबैर ने जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और केंद्र सरकार को निशाना बनाने के लिए एक ट्वीट किया था.

इसके साथ ही FCRA के उल्लंघन और अवैध धन के मामले में जुबैर की वकील ने सभी आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि AltNews वेबसाइट स्पष्ट रूप से कहती है कि उनके पास FCRA मंजूरी नहीं है. वहीं विशेष लोक अभियोजक ने यह तर्क दिया कि जुबैर को 'गुमनाम खातों' से धन प्राप्त हुआ था, जिसकी अभी भी जांच की जा रही है.

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Published: 15 Jul 2022,02:27 PM IST

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