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राजस्थान के अलवर में हुई मॉब लिंचिंग मामले में नया खुलासा हुआ है. भीड़ का शिकार बने रकबर खान को अगर समय से अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो उसकी जान बच भी सकती थी. लेकिन राजस्थान पुलिस ने मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पहले गायों को गौशाला पहुंचाया और उसके बाद मॉब लिंचिंग का शिकार बने रकबर खान को अस्पताल लेकर गई. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अलवर पुलिस ने घटनास्थल से अस्पताल तक 6 किलोमीटर की दूरी तय करने में 3 घंटे का वक्त लगा दिया.
बीते शुक्रवार की रात अलवर में कथित गोरक्षकों ने दो गायों को लेकर जा रहे रकबर खान पर हमला बोल दिया था. भीड़ ने रकबर खान को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई.
अलवर मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है. राहुल गांधी ने ट्वीट में सवाल करते हुए कहा है कि आखिर पुलिस को अस्पताल पहुंचाने में 3 घंटे क्यों लगे?
राहुल ने ट्वीट में लिखा, ‘अलवर में पुलिस कर्मियों को मॉब लिंचिंग के शिकार रकबर खान को छह किलोमीटर दूर अस्पताल तक पहुंचाने में तीन घंटे लग गए. आखिर क्यों? पुलिस रास्ते में टी ब्रेक के लिए रुकी रही.’
राहुल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘ये मोदी का क्रूर ‘न्यू इंडिया’ है, जहां मानवता की जगह नफरत ने ली है और लोगों को दबाया जा रहा है और उन्हें मरने के लिए छोड़ा जा रहा है.’
रिपोर्ट के मुताबिक, घटना स्थल से अस्पताल छह किलोमीटर और गौशाला दस किलोमीटर दूर है. लेकिन घटना के बाद पुलिस भीड़ का शिकार बने रकबर खान को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय पहले गायों को गौशाला ले गई.
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अलवर पुलिस के सब इंस्पेक्टर मोहन सिंह ने दर्ज एफआईआर में लिखा है कि पीड़ित ने खुद की पहचान रकबर खान पुत्र सुलेमान खान, निवासी- कोल गांव, मेवात बताया था. जबकि हेल्थ सेंटर का ओपीडी रजिस्टर कहता है कि पुलिस शनिवार सुबह 4 बजे 'अज्ञात' शख्स को लेकर आई थी.
टीओआई को सीएचसी के डॉक्टर हसन अली ने बताया कि पुलिस सुबह 4 बजे उसे (रकबर) मृत हालत में लेकर आई थी. जिसके बाद उन्होंने शव को मोर्चरी में रखवाने को कहा था.
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस, ‘गोरक्षक’ शर्मा और घटना स्थल के आसपास के लोगों के बयानों में काफी अंतर है.
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