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इस साल की अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू हो रही है और अगले दो महीने तक चलेगी. यात्रा पर मंडराते आंतकी हमले के खतरे के मद्देनजर सेना ने यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. जम्मू से लेकर अमरनाथ शिवलिंग तक सुरक्षा का पूरा बाहरी घेरा सेना के पास होगा. इसके अलावा सीआरपीएफ और एनएसजी के कंधों पर भी सुरक्षा की जिम्मेदारी है. अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद घाटी पहुंचकर सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया.
सैन्य सुरक्षा के अलावा यात्रियों के लिए हाईटेक सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं. इसके तहत हेलीकॉप्टर, यूएवी (ड्रोन विमान), सर्विलांस कैमरा इस्तेमाल किए जा रहे हैं. यात्रा में जाने वाले वाहनों पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटीफिकेशन (आरएफआईडी) टैग, यानी ट्रैकिंग चिप लगाई जाएगी, जिससे उन वाहनों पर नजर रखी जाएगी. आतंकवाद विरोधी अभियान में लगी सेना के कुछ बटालियन को जरूरत के मुताबिक तैनात किया गया है, जो लगातार चप्पे-चप्पे पर पैट्रोलिंग कर रहे हैं. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा का मुआयना किया है, ताकि कोई चूक न रह जाए.
जम्मू - कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को अमरनाथ यात्रा की तैयारियों और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, डीजीपी एस पी वैद और सेना और रक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया. सीतारमण ने यात्रा के पहलगाम मार्ग का हवाई सर्वेक्षण किया और श्रीनगर पहुंचने से पहले बालटाल में सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया.
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) ने अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का आंकलन करने के लिए मंगलवार को मॉक ड्रिल किया. गृहमंत्रालय के मुताबिक अमरनाथ यात्रा से पहले एनडीएमए ने प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं से निपटने की तैयारियों के तहत मॉक ड्रिल किया है. बालटाल और पहलगाम-चंदनवाड़ी मार्गों पर ये ड्रिल 22 जून से शुरू किया गया था और सोमवार को यह अहम इलाकों में संपन्न हुआ. तीर्थयात्रा के दौरान किसी आपदा से निपटने के लिए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों, जिला प्रशासन और अन्य सरकारी एजेंसियों की तैयारियां बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया गया.
एसएएसबी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राष्ट्रीय राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, थल सेना, पुलिस, स्वास्थ्य, असैन्य, रक्षा, परिवहन, अग्निशमन और आपात सेवाओं जैसे अहम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तैयारी से जुड़ी बैठकों में शामिल हुए और मॉक ड्रिल में भाग लिया.
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