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जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में अमरनाथ (Amarnath) गुफा मंदिर के पास भारी बारिश और बाद फटने की वजह से आई आफत ने मरने वाले लोगों की संख्या में इजाफा कर दिया है. शनिवार को मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार अमरनाथ में मरने वालों की संख्या 15 हो गई है और अब तक आफत से 21 लोगों को बचा लिया गया है.
सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि 8 और लोग घायल हुए हैं, घायलों को एयरलिफ्ट करके श्रीनगर ले जाया गया है. NDRF, SDRF, CRPF सहित कई टीमें राहत कार्य में लगी हुई है.
घायलों की सूची में सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश के लोग हैं, इसके अलावा जम्मू, कुछ उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और बंगाल के हैं.
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने को कहा कि सरकार को यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश देना चाहिए कि दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास एक अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र में टेंट और सामुदायिक रसोई कैसे स्थापित किए गए थे, जो बाढ़ की चपेट में आ गए.
लगातार बचाव कार्य में लगा इंडियन एयरफोर्स ने एक ट्वीट में तस्वीरे साझा कर बताया कि, मौसम खराब होने के बावजूद बचाव कार्य बेरोकटोक जारी है. एमआई17 वी5 और चीतल हेलीकॉप्टर आज सुबह से हताहतों, घायल व्यक्तियों, एनडीआरएफ कर्मियों को एयरलिफ्ट करने के लिए साइट के पास काम कर रहे हैं.
पीटीआई के अनुसार आईटीबीपी ने बताया कि, आईटीबीपी ने पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक अपने मार्ग खोलने और सुरक्षा दलों का विस्तार किया है. बचाव दल जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए मलबा हटा रहे हैं क्योंकि प्रशासन हताहतों की सही संख्या जानने के लिए तीर्थयात्रियों के आंकड़ों की जांच कर रहा है. आतंकी खतरों के कारण इस बार हर तीर्थयात्री को एक रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र प्रदान किया गया है.
वहीं सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने कहा कि गंभीर रूप से घायल लोगों को श्रीनगर ले जाया गया है. दो लोग जो मलबे में दब गए थे अब उन्हें जिंदा निकाल लिया गया है. हम यह देखने के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं कि क्या सभी गुमशुदा लोग मिलते हैं या नहीं. यात्रा एक या दो दिन में फिर से शुरू हो सकती है.
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