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मुकेश अंबानी धमकी वाले मामले की जांच अब केंद्र सरकार के तहत आने वाली नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को दे दी गई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने NIA को इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं. आदेश में लिखा गया है कि 25 फरवरी को मुंबई में महिंद्रा स्कॉर्पियो से जो विस्फोटक बरामद हुए थे, उसे लेकर जो केस गमदेवी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था. इसकी जांच अब NIA करेगी. अब NIA केस को फिर से दर्ज करने पर काम कर रही है.
इस खबर के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की सफाई आई है. उन्होंने कहा है कि कार के मालिक मनसुख हीरेन के मौत की जांच महाराष्ट्र ATS करेगी. इस केस को NIA ने नहीं लिया है.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि-
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि 'अम्बानी परिवार को धमकी एंटीलिया बॉम्ब स्केयर और मनसुख केस का आपस में संबंध है. मनसुख केस की भी जांच NIA करे ये हमारी पहले से मांग है. सुशांत केस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई को दी सौंपा गया था केंद्र सरकार ने नहीं दिया था.'
5 मार्च को मुकेश अंबानी को धमकी दिए जाने केस में नया मोड़ तब आया जब मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर से जो कार मिली थी उसके मालिक मनसुख हीरेन की सुसाइड की वजह से मौत हो गई.
तब देवेंद्र फडणवीस ने सवाल उठाया था कि मुम्बई क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी सचिन वझे जो इस मामले की जांच कर रहे थे, उनको कुछ दिनों पहले जांच से हटा दिया गया. 'ऐसा क्यों किया गया ये ये सवाल खड़ा होता है?'
बता दें 25 फरवरी को रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर के करीब से विस्फोटक भरी एक गाड़ी मिली थी. अंबानी की निजी सिक्योरिटी ने सबसे पहले इस गाड़ी को देखा और पुलिस को जानकारी दी. सूचना पाते ही जॉइंट कमिश्नर और लोकल डीसीपी अंबानी के घर पहुंचे और मुंबई पुलिस के बम निरोधक दस्ते ने गाड़ी को हटाया. तब महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि इस घटना की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है. देशमुख ने बताया कि मुकेश अंबानी के घर के करीब से जिलेटीन से भरी गाड़ी मिली थी.
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