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महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है. अमित शाह ने कहा है कि महाराष्ट्र में जिसके पास भी सरकार बनाने के लिए संख्या हो, वो राज्यपाल के पास जाकर दावा पेश कर सकता है.
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर विपक्ष की प्रतिक्रिया को अमित शाह ने ‘कोरी राजनीति’ बताया है. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल ने कहीं भी संविधान को तोड़ने का प्रयास नहीं किया है.
शाह से जब ये पूछा गया कि जब राज्यपाल ने एनसीपी को मंगलवार, 12 नवंबर, शाम 8.30 बजे तक का समय दिया था, तो उन्होंने उससे पहले ही राष्ट्रपति शासन की सिफारिश क्यों कर दी? इस पर शाह ने कहा-
अमित शाह से जब पूछा गया कि कई राज्यों में सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने को लेकर काफी वक्त दिया जाता था, तो फिर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने को लेकर क्या जल्दी थी? इस पर शाह ने कहा-
शाह ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू करना इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि विपक्ष ये भी आरोप लगा सकता था कि राज्य में बीजेपी टेंपरेरी सरकार चला रही है.
शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा-
अमित शाह ने कहा, ‘बीजेपी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. बीजेपी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी, लेकिन फिर भी हमने कई सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा था. उन सीटों पर हमारे सहयोगी दल ने चुनाव लड़ा था. जब हमारे सहयोगी दल ने शर्त ऐसी रखनी चाही, जो हमें स्वीकार नहीं है. हम अकेले सरकार नहीं बना सकते. हमारे पास 105 सीटें हैं, तो हम क्या कर सकते हैं. लेकिन जो लोग दावा कर रहे हैं कि हमें सरकार बनाने का मौका मिले, तो उनके पास अब मौका है.’
उन्होंने कहा, ‘बीजेपी का संस्कार नहीं है कि बंद कमरे में हुई बातों को हम सार्वजनिक करें और करना भी नहीं चाहिए. लेकिन मैं मानता हूं कि राज्यपाल शासन लागू होने से अगर किसी का नुकसान हुआ है, तो बीजेपी का हुआ है.’
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