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women’s reservation Bill: महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में बहस जारी है. राहुल गांधी के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने महिला आरक्षण विधेयक पर सदन में बोला. उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा और चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है, लेकिन बीजेपी और नरेंद्र मोदी के लिए यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है.
आइए बताते हैं कि अमित शाह ने सदन में क्या कुछ कहा है?
कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. कल के दिन वर्षों से जो लंबित था वो महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद देना चाहता हूं.
इस बिल के पारित होने से महिलाओं के अधिकारों की लंबी लड़ाई खत्म हो जाएगी. जी 20 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा.
कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा और चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है, लेकिन बीजेपी और नरेंद्र मोदी के लिए यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है.
पीएम मोदी के पद की शपथ लेने के बाद से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, समान भागीदारी सरकार की जीवन शक्ति रही है.
महिला आरक्षण बिल लाने का यह 5वां प्रयास है. देवेगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी तक चार बार इस बिल को लाने की कोशिश की गई...क्या कारण था कि ये बिल पास नहीं हो सका?
वर्तमान में सांसद सामान्य, एससी, एसटी की 3 श्रेणियों में चुने जाते हैं; हमने उनमें से प्रत्येक में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की हैं.
महिला आरक्षण के लिए जनगणना और परिसीमन की शर्त पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि परिसीमन आयोग देश की चुनावी प्रक्रिया को निर्धारित करने वाली एक महत्वपूर्ण कानूनी इकाई है. चूंकि एक तिहाई सीटों का आरक्षण करना है तो उन सीटों का निर्धारण कौन करेगा? हम करें? अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो आप कहेंगे हमने राजनीति की है. पारदर्शिता के लिए जरूरी है कि परिसीमन आयोग यह काम करे. इसके पीछे की वजह सिर्फ पारदर्शिता सुनिश्चित करना है.
राहुल गांधी के "90 में से सिर्फ 3 सेक्रेटरी OBC हैं" वाले कमेंट पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि सचिव देश चलाते हैं, मुझे लगता है कि सरकार चलाती है; बीजेपी के 85 सांसद, 29 मंत्री ओबीसी समुदाय से आते हैं.. ओबीसी के लिए बोलने का दावा करने वालों को पता होना चाहिए कि यह बीजेपी ही है जिसने देश को ओबीसी प्रधानमंत्री दिया है.
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