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अम्पन तूफान ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दस्तक दे दी है. NDRF चीफ ने बताया है कि 1999 में ओडिशा में सुपर साइक्लोन आया था. उस वक्त के बाद से अब ये दूसरा सुपरसाइक्लोन है. 20 मई को ये सुपर साइक्लोन (चक्रवात) से कमजोर होकर 'बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान' में तब्दील हो गया. NDRF के डीजी के मुताबिक, तटों से लोगों को निकालने का काम जारी है. पश्चिम बंगाल से अभी पांच लाख और ओडिशा में 1,58,640 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है.
इस बीच 'अम्पन' इस तूफान का नाम कैसे पड़ा और तूफानों के नाम क्यों रखे जाते हैं, ये भी जानते हैं. अम्फान तूफान साल 2004 में तैयार की गई तूफानों की लिस्ट का आखिरी नाम है. इस तूफान का नाम थाईलैंड की तरफ से आया था.
सबसे पहले चक्रवातीय तूफानों के नाम की शुरुआत साल 1953 में हुई. अटलांटिक महासागर क्षेत्र में एक समझौते के तहत तूफानों के नाम रखने की शुरुआत हुई. अमेरिका के मयामी स्थित नेशनल हरिकेन सेंटर ने इसकी शुरुआत की. शुरुआती दौर में अमेरिकी महादेश में इसका नाम महिलाओं के नाम पर शुरू किया गया. ऑस्ट्रेलिया में पहले भ्रष्ट नेताओं पर तूफानों के नाम रखे गए. बाद में साल 1973 में इसमें ओवरऑल एक बदलाव देखने को मिला और इसे एक मेल और फिर एक फीमेल नाम देने का ट्रेंड शुरू हुआ.
साल 2004 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की अगुवाई वाला अंतरराष्ट्रीय पैनल भंग कर दिया गया. इसके बाद संबंधित देशों से अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले चक्रवात का नाम खुद रखने को कहा गया. हिंद महासागर क्षेत्र के संबंधित देशों में भारत की पहल पर इसकी शुरुआत 2004 में हुई. भारत की अगुआई में आठ तटीय देशों में इसको लेकर समझौता हुआ. इन देशों में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड शामिल हैं.
इन आठ देशों में जिधर तूफान आता है उस देश के सुझाव पर अब उसका नाम रखा जाता है. इससे उस इलाके के लोगों को इसकी जानकारी में मदद भी मिलती है. तूफान के नाम की सूची बनाने के लिए इन आठों देशों के साइक्लोन एक्सपर्ट हर साल मिलते हैं और अपने लिस्ट को अपडेट करते हैं. साल 2004 में तैयार की गई तूफानों की लिस्ट का आखिरी नाम है अम्पन.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बंगाल की खाड़ी सहित उत्तरी हिंद महासागर (इंडियन ओशियन) के ऊपर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामों की एक लिस्ट अप्रैल 2020 में जारी की गई.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग 13 सदस्य देशों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात और तूफान वृद्धि से जुड़ी सलाह देने वाले छह रीजनल स्पेस्लाइजड मौसम विज्ञान केंद्र में से एक है. इसमें बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, यूएई और यमन शामिल हैं.
इस लिस्ट में प्रत्येक 13 सदस्य देशों के लिए 13 चक्रवातों के नाम शामिल हैं.भारत के नाम में गती, तेज, मुरासु, आग, व्योम, झार, प्रोबाहो, नीर, प्रबंजन, घुन्नी, अंबुद, जलधि और वेगा शामिल हैं, जबकि चक्रवातों के कुछ बांग्लादेशी नाम निसारगा, बिप्रजॉय, अर्नब और उपकुल हैं.
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