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आम्रपाली बायर्स का पैसा धोनी की पत्नी की कंपनी में गया- रिपोर्ट

धोनी 2016 तक आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसेडर थे,लेकिन होम बायर्स के विरोध के बाद खुद को आम्रपाली से अलग कर लिया था

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भारत
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धोनी और साक्षी के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें
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धोनी और साक्षी के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें
(फोटो: Twitter)

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इंडियन क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी धोनी के लिए एक बार फिर मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. दरअसल, आम्रपाली ग्रुप से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट फोरेंसिक ऑडिटर्स ने एक बड़ा खुलासा किया है, इस खुलासे में महेंद्र सिंह धोनी और उनकी पत्नी का नाम भी शामिल है.

आम्रपाली होम बायर्स मामले में मंगलवार को फोरेंसिक ऑडिटर्स पवन कुमार अग्रवाल और रविंद्र भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की है. जिसमें बताया गया है कि आम्रपाली ग्रुप ने घर खरीदने वाले लोगों का पैसा गैर कानूनी तरीके से दो कंपनियों में ट्रांसफर किया है. जिन दो कंपनियों का रिपोर्ट में जिक्र है वो दोनों महेंद्र सिंह धोनी और उनकी पत्नी से जुड़े हैं.

क्या है रिपोर्ट में?

रिपोर्ट में लिखा है कि आम्रपाली ने रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ "फर्जी" समझौते किए. बता दें कि धोनी का रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड में बड़ा स्टेक है और उनकी पत्नी साक्षी धोनी आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर हैं.

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यू यू ललित की बेंच ने फॉरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट पढ़ने के बाद टिप्पणी करते हुए कहा,

हमें ये महसूस हो रहा है कि घर खरीदने वाले लोगों का पैसा गैर कानूनी तरीके से रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रा. लि. को चला गया और अब वो पैसे वहां से वापस निकालना जरूरी है और जो बात हम कह रहे हैं वो हमारा विचार है जो बाकी के कानून पर लागू नहीं होता है.

रिकॉर्ड के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, साक्षी धोनी ने "नकद में शेयर कैपिटल हासिल किया और सभी खर्च का भुगतान कैश में किया." ऑडिटरों ने आगे बताया कि, “हमें मौखिक रूप से सूचित किया गया था कि इस कंपनी को रांची में एक प्रोजेक्ट के विकास के लिए शामिल किया गया है. पार्टियों के बीच एक समझौता किया गया था, हालांकि हमें उसकी कॉपी नहीं मुहैया कराई गई है.”

रिपोर्ट में कहा गया है,

“आम्रपाली मीडिया विजन प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई गई थी ताकि फंड को डाइवर्ट किया जा सके और मूवी बनाई जाए. रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को प्रोफेशनल चार्ज और प्रचार के नाम पर 24 करोड़ रुपये दिए गए थे.”
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ऑडिट रिपोर्ट में ये भी कहा गया है,

रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 2009-2015 के बीच आम्रपाली ग्रुप से कुल 42.22 करोड़ रुपये मिले. इसमें से आम्रपाली सैफायर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 6.52 करोड़ दिए थे. हालांकि ये साफ नहीं है कि किस आधार पर रीति को इतनी बड़ी रकम दी गई थी.

2016 तक धोनी थे आम्रपाली के ब्रांड एंबेसेडर

बता दें कि धोनी 2016 तक आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसेडर थे लेकिन होम बायर्स के विरोध के बाद खुद को आम्रपाली ग्रुप से अलग किया था.

(फोटो: Twitter)

फ्लैट खरीदारों के हक में फैसला

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आम्रपाली मामले में अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने 42,000 से ज्यादा परेशान फ्लैट खरीदारों को राहत देने के लिए एनबीसीसी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों को घर बना कर देने को कहा है. इसके साथ ही आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट्स के रेरा रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश दिए गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आम्रपाली मामले में सीरियस फ्रॉड हुआ है और बड़ी राशि की हेर-फेर की गई है. साथ ही ईडी को घर खरीदारों के पैसों की हेराफेरी की जांच का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आम्रपाली ग्रुप ने पैसे की भारी हेराफेरी और गड़बड़ी की है. लिहाजा ईडी कंपनी के डायरेक्टर और दूसरे आला अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करे.

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