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'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह का एक वीडियो बुधवार, 29 मार्च को सार्वजनिक किया गया. 18 मार्च को पुलिस द्वारा उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के बाद उसका ये पहला बयान है.
अकाल चैनल पर जारी वीडियो में अमृतपाल सिंह ने कहा कि वह 18 मार्च को पुलिस से बच निकलने में कामयाब रहा और वह सुरक्षित है. अमृतपाल सिंह ने सरेंडर करने की इच्छा भी जताई है.
उसने आगे कहा कि ''सरकार ने सिख नौजवानों को कैद करके पहले से ही बेअंत सिंह सरकार की दमनकारी नीतियों का पालन किया है.'' उसने अकाल तख्त के जत्थेदार से बैसाखी पर सरबत खालसा या पूरे सिख समुदाय की सभा बुलाने का भी आग्रह किया है.
वीडियो साफ तौर पर 18 मार्च के बाद का है, लेकिन यह साफ नहीं है कि इसे कब शूट किया गया है.
"वाहेगुरुजी का खालसा वाहेगुरुजी की फतेह,
आज मैं 18 मार्च के बाद पहली बार सिख संगत से बात कर रहा हूं. मैं सबसे पहले बात करना चाहता हूं कि 18 मार्च को क्या हुआ था? अगर सरकार मुझे गिरफ्तार ही करना चाहती तो ऐसा कह सकती थी और मैं सरेंडर कर देता. लेकिन, उन्होंने लाखों पुलिस कर्मियों को तैनात कर मुझे फंसाने की कोशिश की. लेकिन, सतगुरु सच्चे पादशाह ने मुझे भागने में मदद की.
अब, जो कुछ हुआ है, उसके बारे में मैं कुछ समाचार देखने में कामयाब रहा. पंजाब सरकार ने जुल्म की सारी हदें पार कर दी है. उन्होंने सिख नौजवानों को फंसाया है और उन्हें जेल में डाल दिया है. उन्होंने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा.
यह वही हैं जो बेअंत सिंह की सरकार ने पंजाब में किया था.
एक बैठक हुई जिसके बाद अकाल तख्त जत्थेदार ने बंदियों को रिहा करने के लिए सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया. लेकिन, सरकार ने बड़े ओछे अंदाज में अकाल तख्त के बयान को चुनौती दी. जत्थेदार साहब को इस पर कड़ा स्टैंड लष कर रहा है.
अगर हमें अपने गिरफ्तार युवकों को बाहर निकालना है तो हमें यह करना ही होगा. प्रधान मंत्री बाजेके जैसे लोगों और ऐसे अन्य युवाओं पर बिना किसी कारण के NSA लगा दिया गया है. इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना हमारा धार्मिक कर्तव्य है.
जत्थेदार साहब ने कहा है कि वे गांवों में जाकर खालसा वाहीर के जरिए लोगों को जागरूक करेंगे. मेरी उनसे अपील है कि लोग पहले से ही जागरूक हैं, वह नेतृत्व करें और सरकार द्वारा रखी गई इस घेराबंदी के खिलाफ लोगों को लामबंद करें.
मैं सभी सिख संगठनों से इस सरबत खालसा में उत्साह के साथ भाग लेने का आग्रह करता हूं.
जहां तक मेरी गिरफ्तारी का सवाल है, यह भगवान पर निर्भर है. मैं चरदकीकला में हूं. यहां तक कि मेरे बालों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता था. यह एक परीक्षा है, लेकिन सर्वशक्तिमान ईश्वर ने मुझे आशीर्वाद दिया और मेरी रक्षा की.
मैं एक बार फिर लोगों से अपील करता हूं. अगर हम इस बार घर बैठे तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी. बहुत दिनों के बाद आपसे बात कर रहा हूं. आप में से बहुत से लोग चिंतित हो सकते हैं. मैं चारदीकला में हूं. आप भी चारदीकला में रहो. वाहेगुरुजी का खालसा, वाहेगुरुजी की फतेह.
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