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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने के आरोप में जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन (Rohit Ranjan) की गिरफ्तारी के लिए 14 घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामा चला. दो राज्यों की पुलिस में तलवारें खिंच गईं. छत्तीसगढ़ पुलिस ने जहां UP पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखित शिकायत कर दी, वहीं गाजियाबाद पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ थाने की जनरल डायरी में तस्करा डाल दिया.
छत्तीसगढ़ के जिला रायपुर स्थित सिविल लाइन थाने में 3 जुलाई को FIR नंबर 0415 हुई. आरोपी बनाए गए जी ग्रुप के चेयरमैन, निदेशक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कार्यक्रम पेश करने वाले एंकर रोहित रंजन. भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की तहरीर पर रायपुर पुलिस ने IPC सेक्शन– 153A, 295A, 504, 505(1)(B), 505(1)(C), 505(2), 120B, 467, 469, 471 में केस दर्ज किया था.
विधायक का कहना है कि राहुल गांधी ने वायनाड में कांग्रेस कार्यालय पर हमले के संबंध में जो बयान दिया, वो उदयपुर की घटना से जोड़कर दिखाया गया था.
रायपुर पुलिस की एप्लीकेशन पर 4 जुलाई को रायपुर की स्पेशल CJM कोर्ट ने एंकर रोहित रंजन का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. इसी वारंट को लेकर रायपुर के नगर पुलिस अधीक्षक उदयन बिहार करीब 15 पुलिसकर्मियों की टीम लेकर 1200 किलोमीटर दूर 5 जुलाई की सवेरे करीब पांच बजे गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र स्थित न्यू स्कोटिस सोसाइटी में पहुंच गए, जहां एंकर रोहित रंजन रहते हैं.
जैसे ही रोहित रंजन के फ्लैट पर छत्तीसगढ़ पुलिस की गुड मॉर्निंग हुई तो उनका पूरा परिवार चौंक गया. मुख्य गेट का दरवाजा खोलने के लिए रोहित के भाई और पत्नी आए थे. रोहित उस वक्त बेडरूम में मौजूद थे. वहीं से रोहित ने सुबह 6 बजकर 16 मिनट पर एक ट्वीट किया–
ट्वीट करने के महज 15-20 मिनट बाद ही गाजियाबाद की इंदिरापुरम थाना पुलिस रोहित रंजन के आवास पर पहुंच गई. गाजियाबाद पुलिस के सब इंस्पेक्टर ने छत्तीसगढ़ पुलिस के वर्दी में नहीं होने पर आपत्ति जताई तो रायपुर एसपी को पुलिस आईकार्ड दिखाना पड़ा. हालांकि किसी न किसी बात पर दोनों शहरों की पुलिस में बहस होती रही. इस बीच सुबह करीब सवा 7 बजे नोएडा पुलिस की वहां अचानक से एंट्री हो गई. यह पुलिस नोएडा सेक्टर-20 थाने की थी.
नोएडा पुलिस ने कहा, रोहित रंजन मामले में हमारे यहां एक मुकदमा पहले से दर्ज है, इसलिए हम अरेस्टिंग करके ले जाएंगे. खैर, सहमति यह बनी कि रोहित रंजन को उनके आवास से थाना इंदिरापुरम (गाजियाबाद) ले जाया जाएगा. एक प्राइवेट कार में रोहित को बैठाया गया. रायपुर पुलिस दूसरी कार में बैठी.
रायपुर पुलिस जब इंदिरापुरम थाने पर पहुंची तो वहां उन्हें रोहित मौजूद नहीं मिले. यहां पता चलता है कि रोहित को नोएडा सेक्टर-20 थाने की पुलिस अपने साथ ले गई है.
गाजियाबाद में रायपुर पुलिस से मुकदमा दर्ज होने और उसी मामले में गिरफ्तारी करने की बात कहने वाली नोएडा पुलिस रोहित के कब्जे में आते ही भूमिगत हो गई. पूरे दिन किसी अधिकारी ने कोई बयान नहीं दिया कि रोहित को कहां रखा गया है, उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई है या नहीं या फिर उन्हें कौन से मुकदमे में पूछताछ के लिए ले जाया गया है?
इधर, रायपुर SP उदयन बिहार ने गाजियाबाद के थाना इंदिरापुरम में उसी थाने की पुलिस के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और वांरटी को छुड़ा ले जाने की एप्लीकेशन दे दी. रात साढ़े 8 बजे नोएडा के कांग्रेस कार्यकर्ता थाना सेक्टर-20 के बाहर पहुंच गए. वे इस बात का विरोध करने लगे कि रोहित रंजन को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है और उन्हें अज्ञात स्थान पर क्यों रखा गया है. दबाव बढ़ने पर मंगलवार रात करीब 10 बजे नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन की गिरफ्तारी दिखाई.
एंकर रोहित रंजन की गिरफ्तारी को लेकर दिनभर चले ड्रामे के बीच रायपुर के नगर पुलिस अधीक्षक उदयन बिहार ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना इंस्पेक्टर देवराज सिंह को दो पन्ने की शिकायत दी है, इसमें सब इंस्पेक्टर विजय ढाका और अनुज कुमार कलानी समेत 10-12 पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने रायपुर पुलिस की कार्रवाई और जांच में सहयोग नहीं किया. सरकारी कार्य में बाधा डाली और वारंटी की गिरफ्तारी नहीं होने दी. रायपुर एसपी ने मांग की है कि रोहित रंजन को हमें सौंपते हुए इस शिकायत पर कार्रवाई की जाए. इस शिकायत की कॉपी गाजियाबाद एसएसपी और मेरठ रेंज आईजी को भेजी गई है. हालांकि गाजियाबाद पुलिस ने इस शिकायत पर अभी कोई एक्शन नहीं लिया है.
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