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गुरुवार से रविवार तक लगातार हुई 'आफत की बारिश' ने राजधानी पटना समेत बिहार के तमाम हिस्सों को पानी में डुबो दिया. 29 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि बाढ़ प्रभावित लाखों लोग राहत और मदद के लिए सरकार पर निर्भर हैं. रविवार को पटना में 91.60 मिलीमीटर, पूर्णिया में 174.94 मिलीमीटर और भागलपुर में 92.80 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. पटना के जल-जमाव वाले कई इलाकों में बिजली नहीं है, जिससे लेाग परेशान हैं. कई इलाकों में सबसे बड़ी परेशानी पीने के पानी को लेकर है. राहत सामग्री का वितरण नाकाफी होने से लोग सरकार से काफी नाराज हैं. ये गुस्सा और दर्द सोशल मीडिया में भी साफ देखने को मिल रहा है.
मदद के लिए कैंपेन चलाने और फंड जुटाने के मामले में बाढ़ प्रभावित दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार की उपेक्षा किए जाने को लेकर कई ट्विटर यूजर्स ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. एक यूजर ने पेटीएम को टैग करते हुए लिखा - "@Paytm, बिहार बाढ़ राहत फंडिंग के लिए अभी भी कोई विकल्प क्यों नहीं है? क्या बिहार में पीड़ित लोग कुछ मदद पाने के लायक नहीं हैं?"
एक यूजर ने इसी मुद्दे को कार्टून के जरिए पोस्ट करते हुए लिखा- बिहार बाढ़ के लिए दान देने के लिए कोई आह्वान नहीं, कोई कैंपेन नहीं !!
एक यूजर ने लिखा - क्या किसी सरकार ने वाकई कभी बिहार की परवाह की है? बिहार में हर साल बड़े पैमाने पर बाढ़ की स्थिति होती है लेकिन कोई भी इसकी फिक्र करने का दिखावा तक नहीं करता है. यदि वाइब्रेंट गुजरात आपका एकलौता सपना है तो कृपया चुनाव अभियानों के लिए बिहार में प्रवेश न करें.
एक यूजर ने लिखा - "मैं नहीं जानता कि भारत के लोग बिहार की बाढ़ के बारे में बात क्यों नहीं करना चाहते. केरल या महाराष्ट्र में बाढ़ आने पर सबमें एकता है, लेकिन बिहार पर क्यों नहीं? कोई भी यह स्वीकार क्यों नहीं करना चाहता कि हमारा भी वजूद है?? हम आने वाले समय में अपने अस्तित्व को साबित करेंगे.”
बॉलीवुड सितारों पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक यूजर ने लिखा - "कोई भी सेलिब्रिटी इस बारे में बात नहीं करेगा क्योंकि इससे उन्हें प्रचार नहीं मिलेगा."
एक यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा - "#BiharFlood 12 नंबर पर ट्रेंड कर रहा है. यही भारत की प्राथमिकता को दर्शाता है. बिहार की बाढ़ की तुलना में फिल्मों का रुझान बेहतर है."
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