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तमाम सरकारी दावों के बावजूद लॉकडॉउन में मजदूरों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. लॉकडॉउन के बीच जिन तबकों को सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ा है, प्रवासी मजदूर उनमें से एक हैं. दैनिक मजदूरी से पेट पालने वाले इन लोगों के खाने-पीने और रहने के लाले पड़ गए हैं.
लॉकडॉउन की इस स्थिति पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी गुस्सा जाहिर किया है. कुछ लोगों ने मजदूरों के साथ हमदर्दी भी दिखाई है.
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गार्डियन और वॉयस ऑफ अमेरिका से जुड़े पत्रकार शेख अजीजुर रहमान ने ट्विटर पर एक रेल टिकट की फोटो के साथ लिखा, ‘विदेश से हवाई यात्रा से लौट रहे भारतीयों से किसी तरह का पैसा नहीं लिया जा रहा है. मगर लॉकडॉउन के चलते अलग-अलग राज्यों में फंसे और लगभग भुखमरी का शिकार हो चुके प्रवासी गरीब मजदूरों को अपनी ट्रेन यात्रा के लिए पैसे देने होंगे.’
बता दें श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों से स्लीपर क्लास रिजर्वेशन का टिकट के साथ-साथ खाने के 20 रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे हैं.
सरकार ने कुछ ट्रेनों और बसों का प्रबंध किया है, लेकिन मजदूरों की बड़ी संख्या देखते हुए यह बहुत ही नाकाफी हैं. 40 दिन से फंसे लोग अब जल्दी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करवाने की मांग कर रहे हैं. सूरत और वडोदरा में तो हिंसक प्रदर्शन भी हो चुके हैं. सोशल मीडिया यूजर आशीष ने हैदराबाद में एक प्रदर्शन का वीडियो डालते हुए लिखा,
बहुत सारे लोग मजदूरों के दर्द को भी समझ रहे हैं और उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर और चार्टर्ज अकाउंटेंट आरजू अग्रवाल ने अपने पिता का एक वीडियो डाला है. इसमें वे अपनी लिखी एक कविता सुना रहे हैं. आप भी सुनिए-
जया बनर्जी ने भी प्रवासी मजदूरों पर एक कविता शेयर की.
बिहार के करीब 20 लाख से ज्यादा मजदूर बाहरी राज्यों में फंसे हुए हैं. इस बीच सोशल मीडिया यूजर्स ने वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ भी नाराजगी जाहिर की.
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