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राजधानी दिल्ली के हौज रानी इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. यहां करीब एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शनकारी गांधी पार्क में धरने पर बैठे थे. 23 फरवरी को इन लोगों ने मेन रोड की तरफ मार्च निकाला.
सूत्रों ने बताया कि जो लोग लाठीचार्ज में और उसके बाद मची भगदड़ में घायल हुए, उनको नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.
इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इस इलाके के दुकानदारों से गुजारिश की कि अपनी दुकानें बंद करके पार्क के बाहर सड़क के किनारे बैठ जाएं.
प्रदर्शनकारियों को मार्च करने से रोकने के लिए सड़कों पर बैरिकेट्स लगाए गए थे. लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारी पार्क की तरफ लौट आए और बाकी लोगों वहां से चले गए.
जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे महिलाएं नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन पर बैठ गई हैं. इसकी वजह से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर एक तरफ की रोड बंद है, तो वही मेट्रो स्टेशन पर न तो मेट्रो रूक रही है और न ही लोगों को अंदर और बाहर जाने दिया जा रहा है. 22 फरवरी की रात करीबन 200 से 300 महिलाओं ने आकर मेट्रो के नीचे प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद वहां बड़ी संख्या में पुलिस के जवान और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया. प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के निकट सीलमपुर, मौजपुर और यमुना विहार को जोड़ने वाली सड़क को बंद कर दिया.
जाफराबाद से सटे मौजपुर में दो समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया. पीटीआई के मुताबिक, ये झड़प सीएए विरोधियों और समर्थकों के बीच हुई. मौजपुर चौराहे के पास पथराव के बाद हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे. सुरक्षा कारणों के चलते मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिए गए हैं.
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सीएए के समर्थन में मौजपुर लालबत्ती के पास सभा बुलाई थी, जिसके बाद सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी इलाके में इकट्ठा होने लगे. IANS के मुताबिक, मिश्रा बंद रास्ते खुलवाने की मांग करते हुए प्रदर्शन शुरू कर धरने पर बैठ गए. इस दौरान कथित तौर पर कपिल मिश्रा और उनके समर्थकों पर पथराव हुआ और फिर उन्होंने भी पथराव शुरू कर दिया. काफी देर तक दोनों ओर से पत्थर फेंके गए. गाड़ियों में तोड़फोड़ किए जाने की भी खबरें सामने आईं.
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