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बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा था. इस मामले पर आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन भड़काऊ भाषण पर एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी गई. कोर्ट अब 23 अप्रैल को इस याचिका पर सुनवाई करेगा.
दरअसल, ये याचिका सीपीआईएम नेता वृंदा करात ने कोर्ट में लगाई थी. करात की याचिका में बीजेपी के दोनों नेताओं के खिलाफ दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान कथित नफरत भरे भाषणों की बात कही गई है.
इन दोनों नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को लेकर कथित भड़काऊ बयान दिए थे.
बता दें कि दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर ने एक रैली में विवादित नारे लगवाए थे.
वहीं दूसरी ओर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने भी चुनाव के दौरान बैन शाहीन बाग पर विवादित टिप्पणी की थी. वर्मा ने कहा था,
बता दें कि इसके अलावा दिल्ली हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट भड़काऊ भाषण के मामले को सुनने के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता हर्ष मंदर ने बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट के उस फैसले को भी चुनौती दी है जिसमें इस मामले की सुनवाई 13 अप्रैल तक टाल दी गई है. याचिका में भड़काऊ भाषण देने के लिए इन तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. इस पर 4 मार्च को सुनवाई होगी.
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