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एपल सप्लाई चेन के भारत में शिफ्ट होने से, सरकार द्वारा प्रदान किए गए प्रोत्साहनों के अनुरूप, देश में अब तक लगभग 20,000 नौकरियों का सृजन हुआ है. डिजी टाइम्स एशिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोविड -19 महामारी नहीं आती तो यह संख्या ज्यादा हो सकती थी.
फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन सहित निर्माता भारत के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) के तहत सब्सिडी कार्यक्रम में प्रवेश करने के लिए आवेदन करते समय निश्चित संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध थे.
रिपोर्ट में दावा किया गया है, "भारत में विस्ट्रॉन के संचालन में हेडकाउंट पहले से ही 10,000 के करीब पहुंच चुके थे. जब दिसंबर 2020 में इसके संयंत्र में श्रमिकों द्वारा दंगा हुआ था,तो कंपनी को अपने सिस्टम और संचालन को रोकने और पुनर्गठन करने के लिए मजबूर होना पड़ा."
रिपोर्ट में कहा गया है कि पेगाट्रॉन ने मार्च 2022 के अंत तक भारत में 6,000-7,000 कर्मचारियों को काम पर रखने की योजना बनाई है.
"पेगाट्रॉन इंडिया ने अभी तक परिचालन शुरू नहीं किया है क्योंकि इसने इस साल की शुरूआत में केवल भारत में अपने उत्पादन स्थल का स्थान तय किया है."
भारत में कार्यरत एप्पल के आपूर्तिकतार्ओं की संख्या 2020 में बढ़कर नौ हो गई, जो 2018 में छह थी.
एप्पल सप्लायर्स द्वारा हायर किए गए हेडकाउंट्स की ग्रोथ भारत में अपनी सप्लाई चेन को शिफ्ट करने वाले सप्लायर्स की संख्या के साथ तेज होगी.
मेक इन इंडिया और भारत सरकार के घरेलू निर्माण के सपने को पूरा करने के लिए, एप्पल ने मार्च में कहा कि उसका प्रमुख और पर्यावरण के अनुकूल आईफोन 12 स्मार्टफोन जल्द ही भारत में स्थानीय ग्राहकों के लिए तैयार किया जाएगा.
एप्पल ने भारत में आईफोन एसई के साथ 2017 में आईफोन का निर्माण शुरू किया था. आज, एप्पल भारत में अपने कुछ सबसे उन्नत आईफोन बनाती है जिनमें एक्सआर, आईफोन 11 और अब आईफोन 12 शामिल हैं.
भारत में एप्पल के आपूर्तिकर्ता अब अपनी जरूरतों के लिए सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं.
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