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दिल्ली के आर्कबिशप अनिल क्यूटो के उस बयान पर बवाल मचा हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा कि देश में ‘अशांत राजनीतिक माहौल' ने भारत के संवैधानिक सिद्धांतों और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के सामने खतरा पैदा किया है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही आर्कबिशप ने दिल्ली के सभी पादरियों और धार्मिक संस्थानों को लेटर लिखकर प्रार्थना करने के लिए कहा था. सरकार ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा था कि ये बयान पूर्वाग्रह से भरी सोच को दिखाता है. बाद में आर्कबिशप ने सफाई दी थी कि उनका बयान मोदी सरकार को लेकर नहीं था.
द क्विंट ने ईसाई समुदाय के जाने-माने लोगों से बात कर इस पूरे मसले पर उनका राय जानने की कोशिश की.
सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई के प्रिसिंपल रह चुके फादर फ्रेजर मस्केरनहास को आर्कबिशप के लेटर में कुछ भी सवाल उठाने जैसा नहीं लगता. उन्होंने कहा कि नई सरकार बनने से पहले अहम मुद्दों को उठाना और उसपर बातचीत करना समुदाय और देश दोनों के लिए जरूरी है. फादर फ्रेजर इसे जबरदस्ती का खड़ा किया विवाद बताते हैं.
कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल बिशप थियोडर इसे कुछ टीवी चैनलों का खड़ा किया हुआ जबरदस्ती का विवाद बताते हैं.
बिशप थियोडर ने लेटर के जरिए मोदी सरकार पर हमला करने के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने पूछा, "क्या किसी पार्टी का जिक्र है? क्या लेटर में किसी विशेष पार्टी को वोट देने के लिए कहा गया था?'' उन्होंने आगे पूछा कि क्यों बीजेपी के सांसद भरत सिंह पर सवाल नहीं उठाया गया, जब उन्होंने ईसाई समुदाय पर सीधा हमला किया था.
केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि देश के राजनीतिक माहौल पर दिल्ली के आर्कबिशप का बयान सही नहीं है, उन्हें राजनीति से दूर रहना चाहिए. अल्फोंस ने कहा कि क्यूटो जैसी आवाजें ‘अलग-थलग' होती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘बंबई ऑस्वाल्ड कार्डिनल ग्रैशियास के आर्कबिशप से बात की. वे प्रधानमंत्री से सहमति रखते हैं. कुछेक लोग हैं, जो प्रधानमंत्री को पसंद नहीं करते. पादरियों को राजनीति से दूर रहना चाहिए.''
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर रह चुके मैक्सवेल परेरा ने द क्विंट से बात करते हुए कहा कि सिर्फ प्रार्थना के लिए कहे जाने पर विवाद खड़ा कर देना चौंकाने वाला है. उन्होंने पूछा कि क्या ईसाई देश के लिए पूजा भी नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि आर्कबिशप लोगों से सिर्फ सही शख्स को चुनने के लिए कह रहे थे.
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