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आर्कबिशप के लेटर में ऐसा क्या था जिस पर भड़क गई बीजेपी?

दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो की चिट्ठी पर विवाद बढ़ गया है, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी दिया है जवाब

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भारत
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दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो की चिट्ठी पर विवाद बढ़ गया है. दरअसल, आर्कबिशप ने ये दावा किया है कि देश में अशांत राजनीतिक माहौल ने संवैधानिक सिद्धांतों और धर्मनिरपेक्ष पहचान के लिए खतरा पैदा किया है. आर्कबिशप ने अगले साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए पादरियों से प्रार्थना करने की अपील की है. अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई नेताओं ने आर्कबिशप को धर्म को राजनीति से नहीं जोड़ने की सलाह दी है. वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आर्कबिशप के बयान को फैक्ट बताया है. मामला बढ़ता देख आर्कबिशप ने मंगलवार को अपनी सफाई में कहा कि उनकी टिप्पणी नरेंद्र मोदी सरकार के लिए नहीं थीं.

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क्यों मचा है बवाल?

आर्कबिशप काउटो ने धर्मनिरपेक्षता पर खतरा बताते हुए अपने अनुयायियों से प्रार्थना अभियान चलाने की अपील की थी. काउटो ने 12 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले दिल्ली के सभी पादरियों और धार्मिक संस्थानों को लेटर लिखा था. उन्होंने 2019 चुनाव के संदर्भ में 13 मई से ‘‘ प्रार्थना अभियान '' का आह्वान किया था. लेटर में कहा गया था कि अपने देश और इसके नेताओं के लिए हमेशा प्रार्थना करने की हमारी पवित्र परंपरा है लेकिन चूंकि आम चुनाव आ रहे हैं तो ये अहम है. इसमें कहा गया कि हम 2019 की तरफ बढ रहे हैं, जब हमारी नई सरकार होगी, हम 13 मई से अपने देश के लिए प्रार्थना अभियान शुरू करेंगे.

कभी भी ऐसी इजाजत नहीं दी जा सकती: गृहमंत्री

दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो की चिट्ठी पर विवाद बढ़ गया है, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी दिया है जवाब
इस मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत किसी के भी खिलाफ धर्म या संप्रदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करता है
(फोटोः Facebook/@RajnathSinghBJP)

इस मामले में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत किसी के भी खिलाफ धर्म या संप्रदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करता है और देश में ऐसा करने की कभी भी इजाजत नहीं रही है. राजनाथ ने कहा, मैंने (आर्कबिशप) बयान नहीं देखा है लेकिन मैं ये कह सकता हूं कि भारत एक ऐसा देश है जहां किसी के भी खिलाफ धर्म या संप्रदाय या ऐसे किसी आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है. ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.'' कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि सरकार देश की एकता पर किसी भी तरह का आघात नहीं होने देगी.

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पूर्वाग्रह से बाहर निकले आर्कबिशप: नकवी

दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो की चिट्ठी पर विवाद बढ़ गया है, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी दिया है जवाब
पूर्वाग्रह से बाहर निकले आर्कबिशप: नकवी
(फोटो: PTI)

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दिल्ली के आर्कबिशप से कहा कि वहो पूर्वाग्रह वाली सोच से बाहर निकलें और इस बात पर जोर दिया कि पिछले 4 साल में मोदी सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों का तेज गति से विकास हुआ है. नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास' की सोच के साथ काम करती है.

दिल्ली के आर्चबिशप के पत्र के संदर्भ में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि जब तक लोग पूर्वाग्रह से भरी सोच के साथ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को देखेंगे, तब तक उन्हें प्रगति नहीं दिखाई देगी. उधर केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा है कि हर एक्शन का रिएक्शन होता है, मैं कोई ऐसा कदम नहीं उठाउंगा जिससे देश का माहौल खराब हो, लेकिन अगर चर्च मोदी की सरकार ना बने इसके लिए प्रार्थना करेंगे, तो देश के दूसरे धर्म के लोग कीर्तन पूजा करेंगे. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि धर्म को लेकर किसी को भी ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए.

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चिट्ठी पर क्या दी गई है सफाई

आर्कबिशप के सचिव फादर रॉबिनसन ने चिट्ठी को लेकर मचे बवाल पर सफाई दी है. रॉबिनसन ने कहा, ‘आर्कबिशप का लेटर राजनीतिक नहीं है, ना ये सरकार के खिलाफ है और ना ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ. यह महज प्रार्थना के लिए की गई अपील है, इस तरह के लेटर पहले भी लिखे जा चुके हैं.’

दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो की चिट्ठी पर विवाद बढ़ गया है, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी दिया है जवाब
आर्कबिशप के सचिव फादर रॉबिनसन

वहीं फादर बारैट ने कहा है कि ‘जब भी कोई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करती है तो नई सरकार के गठन के लिए चुनाव होता है. लेटर में ये नहीं कहा गया है कि दूसरी सरकार बनेगी, इसमें सिर्फ ये कहा गया है कि नई सरकार बनेगी. इसलिए मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ भी विवादित है.’

उन्होंने कहा कि हर चुनाव से पहले शांति और निष्पक्ष चुनावों के लिए प्रार्थना का आह्वान किया जाता है. ऐसा साल 2014 में और उससे पहले भी हुआ था. इस बार कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.

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