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केंद्र की मोदी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हुआ है. बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) को नया कानून मंत्री बनाया गया है. वो किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) की जगह लेंगे. राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने ये फैसला किया है. मेघवाल को उनके मौजूदा विभागों के अलावा कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है.
रंग बिरंगी पगड़ी को सिर पर हमेशा सजाए रखने वाले अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान से आते हैं. उनका जन्म 7 दिसंबर 1954 को एक दलित बुनकर परिवार में हुआ था. महज 13 साल की उम्र में शादी हुई लेकिन पढ़ाई करना नहीं छोड़ा. बीकानेर के राजकीय डूंगर कॉलेज से बीए की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एलएलबी और मास्टरर्स की डिग्री भी हासिल की. इसी दौरान उन्होंने सरकारी एग्जाम के लिए तैयारी शुरू कर दी. जिसके बाद उन्हें भारत डाक विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर की नौकरी मिली. यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की एख तरह से शुरुआत हुई. मेघवाल ने टेलीफोन ट्रैफिक एसोसिएशन का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
मेघवाल IAS अधिकारी रह चुके हैं. उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए VRS लिया था. राजनीति में आने से पहले वो चूरू के जिला कलेक्टर थे. उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2009 में हुई थी. वह वर्तमान में बीकानेर से सांसद हैं. वह बीजेपी के बड़े दलित चेहरों में से एक हैं. मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में उन्हें कैबिनेट में जगह मिली थी.
अर्जुनराम मेघवाल ने साल 2009 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर बीकानेर से लोकसभा का चुनाव जीता था.
2013 में उन्हें सवश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए. उन्हें मोदी कैबिनेट में भी जगह मिली. 2016 में उन्हें वित्त राज्य मंत्री, जल संसाधन राज्य मंत्री का कार्यभार सौंपा गया था.
इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए. उन्हें फिर कैबिनेट में जगह मिली.
2019 में उन्हें भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम मंत्री नियुक्त किया गया था. वर्तमान में वो संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्र हैं.
राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी दिए जाने को राजस्थान साधने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है. वो एससी समाज से आते हैं. बता दें कि राजस्थान में 6% मेघवाल वोटर हैं. चुनाव में मेघवाल वोटर्स अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में बीजेपी की नजर मेघवाल वोटर्स पर है.
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