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डोकलाम में तनातनी के बाद मिलिट्री ट्रेनिंग पर चीन के जोर के मद्देनजर भारतीय सेना ने भी अपने तेवर सख्त कर लिए हैं. भारत के आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने साफ कहा है कि भारत अपनी जमीन में किसी को नहीं घुसने देगा. चीन ताकतवर हो सकता है लेकिन भारत भी कमजोर नहीं है.
जनरल रावत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत अपना ध्यान उत्तरी सीमा पर केंद्रित करे. अगर चीन हमलावर तेवर अपनाता है तो भारत इस हालात से निपटने में पूरी तरह सक्षम है.
चीन के आक्रामक के रुख और एशिया में अपने असर बढ़ाने की उसकी कोशिश के बारे में पूछने पर जनरल रावत ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों को चीन से नजदीकी बढ़ाने की अनदेखी नहीं कर सकता. चीन ताकतवर देश हो सकता है लेकिन भारत भी कमजोर देश नहीं है.
पाकिस्तान को हाल के अमेरिकी चेतावनी के बारे में पूछने पर जनरल रावत ने कहा कि भारत को इसका असर देखने के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा. रावत ने कहा कि भारतीय सेना यह सुनिश्चित करेगी पाकिस्तान को आतंकियों को पनाह देने की सजा मिले.
इधर, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने डोकलाम गतिरोध के बाद अपनी ट्रेनिंग और मजबूत कर दी है. पीएलए की ओर से कहा गया है कि 3 जनवरी को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निर्देश के बाद चीनी सेना ने घर और बाहर दोनों जगह अपनी ट्रेनिंग तेज कर दी है. इसमें हिंद महासागर के दिजिबोती में चीनी नेवी की ट्रेनिंग शामिल है. जिसे अब आधिकारिक तौर पर चीनी सेना का लॉजिस्टिक बेस कहा जा रहा है.
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने डोकलाम गतिरोध के बाद अपनी ट्रेनिंग और मजबूत कर दी है. पीएलए की ओर से कहा गया है कि 3 जनवरी को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निर्देश के बाद चीनी सेना ने घर और बाहर दोनों जगह अपनी ट्रेनिंग तेज कर दी है. इसमें हिंद महासागर के दिजिबोती में चीनी नेवी की ट्रेनिंग शामिल है. जिसे अब आधिकारिक तौर चीनी सेना का लॉजिस्टिक बेस कहा जा रहा है.
इनपुट : पीटीआई
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