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टीआरपी मामले को लेकर पहले से ही मुश्किलों में घिरे रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी अब नई मुसीबत में फंस चुके हैं. रेटिंग एजेंसी BARC के पूर्व सीईओ के साथ उनकी कथित वॉट्सऐप चैट लीक होने के बाद हर तरफ आलोचना हो रही है और सवाल उठाए जा रहे हैं. अब इस मामले को लेकर न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) ने भी बयान जारी कर इस पर हैरानी जताई है.
एनबीए की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में अर्णब गोस्वामी की इस कथित वॉट्सऐप चैट को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं. चैट्स को लेकर कहा गया है कि इनसे साफ पता चल रहा है कि अर्णब और BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच मिलीभगत थी. फर्जी तरीके से रिपब्लिक टीवी को रेटिंग देने और दर्शकों की संख्या बढ़ाने का काम किया गया.
एनबीए ने कहा है कि उन्होंने पिछले चार साल में लगातार आरोप लगाए हैं कि टीआरपी के साथ छेड़छाड़ हो रही है. गैर-एनबीए चैनल BARC के बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर इस काम को अंजाम दे रहे हैं.
एनबीए ने मांग करते हुए कहा कि रिपब्लिक टीवी की आईबीएफ सदस्यता को सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए, जब तक टीआरपी रेटिंग में हेरफेर का ये मामला कोर्ट में चल रहा है. एनबीए बोर्ड ने ये भी कहा है कि रिपब्लिक टीवी के इस टीआरपी हेरफेर ने ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री की इमेज को नुकसान पहुंचाया है. इसीलिए जब तक कोर्ट का कोई फैसला नहीं आ जाता है इस चैनल को BARC रेटिंग सिस्टम से बाहर रखना चाहिए.
एनबीए की तरफ से रेटिंग एजेंसी BARC के रवैये को लेकर भी सवाल खड़े किए गए हैं. कहा गया है कि एजेंसी ने ऐसे चैनलों के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं लिया. यहां तक कि नए मैनेजमेंट के बाद भी ये टीआरपी में हेरफेर का सिस्टम चालू है.
एनबीए ने मांग की है कि हिंदी न्यूज जैनर को लेकर हुए ऑडिट को लेकर BARC एक साफ बयान जारी करे. साथ ही रेटिंग को सुरक्षित रखने के लिए एजेंसी ने पिछले तीन महीने में क्या कदम उठाए हैं, ये भी बताया जाए.
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